असम में मदरसों पर कार्रवाई हो रही है। राज्य सरकार ने तीन मदरसों को अब तक गिरा दिया है जबकि मंगलवार को एक मदरसे को स्थानीय लोगों ने गिराते हुए कहा कि यह आतंक का केंद्र था। इसके जरिए अलग कायदा से जुड़े आतंकी पनाह पाते थे और ब्रेन वॉश का काम करते थे। अब इस मामले में सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जिन मदरसों को गिराया गया है वो अल कायदा के दफ्तर थे। हम लोगों ने 2 से तीन मदरसों को गिराया है जबकि अब लोग खुद मदरसों को गिराने के लिए आगे आ रहे हैं। खास बात यह है कि मुस्लिम समाज से जुड़े लोग ही आगे आ रहे हैं।
आतंक वाले मदरसों को लोगों ने कहा ना
असम के सीएम ने कहा कि अब तो मुस्लिम समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि वो ऐसा कोई मदरसा नहीं चाहते जिसके जरिए आतंकवाद की शिक्षा दी जाती हो। मुस्लिम समाज ऐसा मदरसा नहीं चाहता जिसकी वजह से समाज में आतंक की खेप पैदा हो।
क्या है एनसीपीसीआर की रिपोर्ट
मार्च 2021 की NCPCR की रिपोर्ट में कहा गया कि बड़ी तादाद में बच्चे ऐसे स्कूलों में पढ़ते हैं जो मान्यता प्राप्त नहीं हैं। ये संस्थाएं क्या क्वॉलिटी एजुकेशन देती हैं और वहां का माहौल कैसा है, इसकी जानकारी नहीं है। जरूरी है कि ऐसे सभी गैर मान्यता प्राप्त संस्थाएं चाहे वो स्कूल हों, मदरसे हों, वैदिक पाठशालाएं हों, गुम्पा हों उनका सर्वे कराया जाना चाहिए। इस सिफारिश के बाद 30 अगस्त के आदेश में यूपी सरकार ने कहा कि हर एक जिले में SDM, बेसिक शिक्षा अधिकारी और अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सभी Unrecognised मदरसों का सर्वे कर रिपोर्ट DM को सौपेंगे। DM ये रिपोर्ट सरकार को सौपेंगे।
इस सर्वे के सवाल भी तय हैं। बिल्डिंग, ब्लैक बोर्ड, सिलेबस, किसने मदरसा खोला, ऐसे ही वो सारे सवाल जिनका जवाब किसी भी एजुकेशन संस्थान को देना पड़ता है। उन्हीं सवालों पर सर्वे होगा। लेकिन ओवैसी साहब ने सर्वे के खिलाफ राजनीतिक हंगामा कर दिया है। और वो कह रहे हैं कि RSS के स्कूलों का सर्वे क्यों नहीं होता?
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