सियासत के माहिर खिलाड़ी थे अमर सिंह, राजनीतिक गलियारे में बुलाए जाते थे 'चाणक्य'  

Amar Singh's Bibliography: भारतीय राजनीति में अमर सिंह का व्यक्तित्व काफी कद्दावर था। सभी दलों में सिंह को चाहने वाले लोग मौजूद हैं। अमर सिंह का विवादों से भी गहरा नाता रहा। वह मुलायम सिंह के करीबी थे।

Amar Singh's Bibliography a politicain Rajya Sabha member and friend of Mulayam Singh
लंबे समय से बीमार चल रहे थे अमर सिंह।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • लंब समय से बीमार चल रहे थे समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह
  • किडनी से जुड़ी बीमारी का सिंगापुर के अस्पताल में चल रहा था इलाज
  • मुलायम सिंह यादव के काफी करीबी थे अमर सिंह, हमेशा निभाई दोस्ती

नई दिल्ली : राज्यसभा के सांसद एवं समाजवादी पार्टी के पूर्व नेता अमर सिंह की 64 साल की अवस्था में शनिवार को निधन हो गया है। सिंह लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनका इलाज सिंगापुर के एक अस्पताल में चल रहा था। सिंह के निधन का समाचार मिलने के बाद राजनीतिक हलके में शोक की लहर दौड़ गई है। बताया जा रहा है कि सिंह को किडनी से संबंधित रोग था जिसका इलाज चल रहा था। सिंहश राज्यसभा सदस्य रहते हुए संसद की महत्वपूर्ण समितियों में शामिल रहे। अमर सिंह को चाहने वाले सभी राजनीतिक दलों में थे। 

कद्दावर शख्सियतों में शुमार थे अमर सिंह
अमर सिंह ने कारोबार के क्षेत्र से राजनीति की दुनिया में कदम रखा था। वह एक समय में भारतीय राजनीति के कद्दावर शख्सियतों में शुमार थे। उन्हें राजनीति का 'चाणक्य' भी कहा जाता है। राजनीति में अमर सिंह की मुलायम सिंह यादव के साथ दोस्ती और आजम खान के साथ राजनीतिक दुश्मनी काफी प्रसिद्ध है। साल 2008 में अमेरिका के साथ असैन्य परमाणु करार कराने में सिंह की भूमिका काफी अहम रही। 

विवादों से गहरा रहा नाता
राजनीति में ऐसे कई मौके आए जब अमर सिंह चर्चा के केंद्र में रहे। सिंह अपने दम-खम से किसी घटना को एक अलग मोड़ देने के लिए जाने जाते रहे हैं। सिंह का विवादों में भी गहरा नाता रहा लेकिन सवालों से उन्होंने कभी अपना मुंह नहीं मोड़ा। 'वोट के बदले नोट' मामले में सिंह ने अपने ऊपर लगे आरोपों का बेबाकी से जवाब दिया। दिल्ली पुलिस की पूछताछ में इन्होंने अपनी भूमिका साफ की। 

यूपी के आजमगढ़ में हुआ जन्म
आइए जानते हैं कि राजनीति के इस 'चाणक्य' के जीवन के बारे में। अमर सिंह का जन्म 27 जनवरी 1956 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ। इनके पिता का नाम हरीश चंद्र सिंह और माता का नाम शैल कुमारी सिंह था। अमर सिंह ने सेंट जेवियर कॉलेज से बीए किया और कोलकाता विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली। सिंह की शादी पंकजा कुमार सिंह से हुई और इनकी दो बेटियां हैं। 

1996 में पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए
अमर सिंह की राजनीतिक पारी की शुरुआत नवंबर 1996 से मानी जाती है। सिंह पहली बार राज्यसभा के लिए चुने गए। राज्यसभा सदस्य रहते हुए सिंह संसद की कई समितियों में शामिल रहे। राजनीति में मुलायम सिंह यादव के साथ अमर सिंह की दोस्ती काफी प्रसिद्ध है। सपा के साथ अमर सिंह के काफी करीबी रिश्ते रहे लेकिन एक दौर भी आया जब सपा के ही आजम खान के साथ उनके रिश्ते बिगड़ गए। 

सपा से हुए निष्कासित, अपनी पार्टी बनाई
जनवरी 2010 में सिंह को सपा से निष्कासित कर दिया गया। सिंह ने साल 2011 में राष्ट्रीय लोक मंच के नाम से अपनी पार्टी बनाई। उन्होंने 2012 में यूपी विधानसभा का चुनाव भी लड़ा लेकिन उन्हें इस चुनाव में कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद वह मार्च 2014 में रालोद में शामिल हुए और फतेहपुर सीकरी से चुनाव लडे  लेकिन हार गए। साल 2013 में किडनी संबंधित परेशानी होने पर उन्हें दुबई के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। पिछले कुछ वर्षों से सिंह की तबीयत अच्छी नहीं रही। कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया में उनके निधन की अफवाह उड़ी। इस पर सिंह ने ट्वीट किया 'टाइगर अभी जिंदा है।'

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