चंडीगढ़ : पूर्वी लद्दाख में अतिक्रमण के लिए चीन को सबक सिखाने की मांग करने वाले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोमवार को भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर निशाना साधा। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्रई ने सोमवार को कहा कि 'हमने 1948, 1965, 1971 और 1999 की लड़ाइयां जीती हैं और अब चीन के अतिक्रमण का जवाब देने की बारी आपकी है। चीन के साथ हमारा विवाद 1960 के दशक से चला आ रहा है। गलवान पहली घटना नहीं है। मुझे लगता है कि भारत सरकार सैन्य सावधानी बरत रही है। मेरा मानना है कि हमें अक्साई चिन एवं सियाचिन के बीच अंतर को खत्म करने के उसके मंसूबे के प्रति काफी सावधान रहने की जरूरत है।'
चीनी कंपनियों का अनुदान लौटाए सरकार
कैप्टन ने सरकार से कहा कि उसे चीनी कंपनियों से मिले अनुदान को लौटा देना चाहिए। कोविड-19 संकट से लड़ने के लिए चीन की कुछ कंपनियों ने भारत सरकार को अनुदान दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'हमें इस बार कड़ा रुख अख्तियार करना होगा। इस समय जब चीन के साथ हमारा विवाद जारी है और ऐसे समय में उसकी कंपनियों ने यदि अनुदान दिया है तो उन्हें वापस कर देना चाहिए।'
चीन ने अतिक्रमण किया
उन्होंने कहा, 'मुझे नहीं लगता है कि हमें इस समय चीन की कंपनियों से पैसे लेने चाहिए क्योंकि सीमा पर हमारे जवानों की हत्या हुई है और हमारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ है।' बता दें कि गत 15 जून को गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के साथ हुए संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हो गए। इसके बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसा माहौल बन गया है। भारत और चीन दोनों ने एलएसी पर अपने सैनिकों की संख्या बढ़ा दी है। हालांकि सीमा पर तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कूटनीतिक एवं सैन्य स्तर की बातचीत जारी है।
कैप्टन चाहते हैं चीन पर सख्त कदम उठाए सरकार
सीमा पर चीन के अतिक्रमण के बाद से ही कैप्टन लगातार हमलावर हैं। वह चीन को सबक सिखाने की मांग कर रहे हैं। कैप्टन ने कुछ दिनों पहले कहा था कि चीन के सैनिकों के साथ हुई झड़प के दौरान भारतीय सैनिकों ने हथियार नहीं चलाए इस पर उन्हें हैरानी हुई। उन्होंने कहा, 'चीनी सैनिकों का जब मुश्किल हालातों से सामना होता है तो वे भाग जाते हैं। उनकी गीदड़भभकी को खत्म करने का समय आ गया है।' मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय चाहता है कि चीन को इस बार मुहंतोड़ जवाब दिया जाए। उन्होंने कहा, 'चीन साल 1962 से भारतीय क्षेत्र को धीरे-धीरे निवाले की तरह निगलते जा रहे हैं।'
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