Amarnath Cloudburst: अमरनाथ गुफा के पास आई प्राकृतिक आपदा के वक्त बेहद भयावह मंज़र था। चश्मदीद और वहां आसपास मौजूद श्रद्धालु उन संकट भरे पलों को याद कर सिहर उठ रहे हैं। शनिवार (नौ जुलाई, 2022) को जब वे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचे तो मीडिया को उन्होंने बताया कि आसमानी आफत ने किस कदर वहां तबाही मचाने के साथ अफरा-तफरी फैलाई थी। पढ़ें- हादसे की पूरी कहानी, चश्मदीदों की जुबानी:
हाथ जोड़ फौजियों की बहादुरी को किया सलाम: हादसे के दौरान बाल-बाल बचे एक बुजुर्ग दंपति ने पत्रकारों को आपबीती साझा करते हुए बालटाल में कहा- हम लोगों का दिल उस समय दहल उठा था। हमें जैसे फौजियों ने बचाया...(हाथ जोड़ते हुए शुक्रिया अदा किया)। वे फौरन कहने कि पहाड़ की तरफ चिपको और आगे चलो। एक-एक लोगों को बचाया है। हम अपनी सेना को शत-शत नमन करते हैं।
दहशत देख फट गया था कलेजा- चश्मदीद
बचकर आए एक शख्स ने टीएनएन से बातचीत के दौरान बताया, "हम वापसी आ रहे थे। अचानक से काला पानी आने लगा था। उसके बाद बड़े-बड़े पत्थर आने लगे थे। मैं वहीं रुक गया था। साथ में मां भी थीं, पर उन्हें पीछे ले गया। पूरा सैलाब सा आ गया था। यह पूरा नजारा बीच रास्ते का है।" एक अन्य श्रद्धालु ने बताया, "हम लोग बाबा की गुफा से जब थोड़ा पीछे थे, तभी दहशत देखकर आत्मा फट गई थी। मैंने बोला- बाबा इसे रोकिए। यह तो प्राकृतिक घटना है। किसी का दोष नहीं है। देश के जवानों ने जो हमें बचाने का काम किया...वह काबिल-ए-तारीफ है। बाबा ने हमें बचा लिया।"
"बाबा के दर्शन को कम न होगा जोश"
गुड़गांव और दिल्ली से दर्शन करने पहुंचे आठ-10 लोगों के समूह ने बताया कि उम्मीद है कि सब चीजें काबू में आ जाएंगी। हालांकि, अनुमति पर दर्शन के लिए जाएंगे। यहां आना ही अपने आप में बहुत बड़ी चुनौती है। हमारा जोश कम नहीं होने वाला है। कुछ अन्य श्रद्धालुओं ने प्राकृतिक घटना में रेस्क्यू ऑपरेशन को लेकर बलों की तारीफ की।
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