इस साल अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra 2022) के दौरान श्रद्धालुओं को अधिक खतरा होने की आशंका के मद्देनजर सुरक्षा बलों ने सुरक्षा की अभूतपूर्व व्यवस्था की है मीडिया रिपोर्टों के आधार पर बताया जा रहा है कि यात्रा के दौरान आतंकवादियों द्वारा हमला किए जाने की विश्वसनीय सूचना मिलने के मद्देनजर इस बार पहले से तीन से चार गुना अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जा रही है।
अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों सहित बाहरी मजदूरों की हाल ही में हुई टारगेटेड किलिंग के बाद सुरक्षा इंतजामों में बढ़ोतरी की गई है प्रशासन ने कहा है कि सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के सभी उचित कदम उठाए गए हैं।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को अमरनाथ यात्रा के लिए बनाए गए आधार शिविर का दौरा कर यात्रा के लिए व्यवस्था की समीक्षा की और कहा कि तीर्थयात्रा सुचारू रूप से सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा बल सतर्क हैं।सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के लोग आने वाले तीर्थयात्रियों का स्वागत करने के लिए उत्साहित हैं।
अमरनाथ यात्रा आगामी 30 जून से दो मार्गों से शुरू होगी। पहला 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक मार्ग जो कि दक्षिण कश्मीर के पहलगाम से शुरू होता है। दूसरा 14 किलोमीटर लंबा मार्ग मध्य कश्मीर के बालटाल से शुरू होता है। गौरतलब है कि 2019 में यात्रा को अनुच्छेद 370 के कारण बीच में रोक दिया गया था और फिर दो साल कोविड महामारी के कारण यात्रा नहीं हो सकी।
सिन्हा ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर क्षेत्र के लोगों में इस साल बहुत उत्साह है और मैं देख रहा हूं कि स्थानीय लोग भी आने वाले तीर्थयात्रियों के स्वागत के लिए तैयार हैं।'' अधिकारियों ने बताया कि यात्रा के लिए अब तक लगभग तीन लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण कराया है। उन्होंने बताया कि तीर्थयात्रा के लिए जम्मू शहर में कम से कम पांच हज़ार सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे।
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