Amarnath Yatra: 'बम-बम भोले' के नारों के साथ शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, पहलगाम से रवाना हुआ भक्तों का पहला जत्था

Amarnath Yatra 2022: कोरोना महामारी की वजह से दो साल तक स्थगित रही अमरनाथ यात्रा आज से फिर से शुरू हो गई है। बाबा बर्फानी के भक्तों का पहला जत्था पवित्र गुफा के लिए रवाना हो गया है।

Amarnath Yatra commences from today pilgrims hailed Bam Bam Bhole slogans in Pahalgam
बड़ी संख्या में तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुए 
मुख्य बातें
  • आज से अमरनाथ यात्रा की शुरुआत, कड़ी सुरक्षा में यात्रियों का जत्था पहुंचा
  • भक्तों की टोली ने लगाए- जय बाबा बर्फानी के जयकारे
  • पहलगाम में तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ यात्रा शुरू होने पर 'बम बम भोले' के नारे लगाए

Amarnath Yatra 2022: कोरोना महामारी की वजह से करीब 2 साल तक स्थगित रही अमरनाथ यात्रा आज से शुरू हो गई है।  यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहुंचने का सिलसिला जारी है। कोरोना के चलते 2 साल बाद शुरू हो रही यात्रा में शामिल भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। कड़ी सुरक्षा के बीच कई श्रद्धालु पहलगाम और बालटाल बैस कैंप पहुंच चुके हैं। पहलगाम में यात्रियों के पहले जत्थे का स्थानीय लोगों ने स्वागत किया।  भारी सुरक्षा बंदोबस्त के बीच श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए कैंप में व्यवस्थाएं की गई हैं। किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए जवान हर तरफ तैनात हैं।

बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं भक्त

 पवित्र गुफा के दर्शन करने जा रहे यात्री 'बम-बम भोले' के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ रहे हैं। एक तीर्थयात्री ने कहा, 'हमें इस वर्ष यात्रा में शामिल होने की खुशी है जो महामारी के कारण देरी हुई थी; बाबा भोलेनाथ की पूजा का बेसब्री से इंतजार है।' बाबा बर्फानी के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास सदियों पुराना है। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने यहां माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था। कहा जाता है कि अमरनाथ में जाकर हिमलिंग के दर्शन करने से मनुष्य के पापों से मुक्ति मिल जाती है।

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बड़ी संख्या में भक्तों के पहुंचने की उम्मीद

अधिकारियों ने बताया कि पहले जत्थे में 4,890 श्रद्धालु शामिल हैं जो बुधवार तड़के चार बजे भगवती नगर आधार शिविर से 176 वाहनों में सवार होकर काफिले के रूप में कश्मीर घाटी के लिए रवाना हुए। सरकार के मुताबिक, ‘जो श्रद्धालु अमरनाथ यात्रा पर नहीं आ सकते वे ऑनलाइन ‘दर्शन’, ‘पूजा’, ‘हवन’ और ‘प्रसाद’ की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।’ चूंकि तीन साल के अंतराल के बाद दोबारा यात्रा शुरू की गई है, इसलिए इस साल श्रद्धालुओं की संख्या सामान्य से अधिक होने की उम्मीद है।
 

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