नई दिल्ली: 27 जुलाई को फ्रांस से चले 5 राफेल लड़ाकी विमान बुधवार यानी 29 जुलाई को भारत पहुंच रहे हैं। भारत में ये अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। अंबाला में इसे लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं। अंबाला जिला प्रशासन ने अंबाला एयर फोर्स स्टेशन के आसपास के इलाके में धारा 144 लगाई है। साथ ही किसी भी तरह की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी पर प्रतिबंध लगाया गया है। धारा 144 लगने से 4 से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर मनाही है।
राफेल के भारत पहुंचने से पहले अंबाला एयरबेस पूरी तरह से तैयार है। सुरक्षा के बंदोबस्त कड़े किए गए हैं। अंबाला एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे को बनाया गया नो ड्रोन जोन बनाया गया है यानी कि एयरबेस के 3 किलोमीटर के दायरे में ड्रोन पर पूरी तरह पाबंदी है। उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। अंबाला एयरबेस पहुंचने पर इन पांचों विमानों को औपचारिक रूप से भारतीय वायु सेना में उसके 17वें स्क्वाड्रन के तौर पर शामिल किया जाएगा जिसे 'गोल्डन ऐरो' भी कहा जाता है।
फ्रांस के बंदरगाह शहर बोर्डेऑस्क में मैरीग्नेक वायुसेना अड्डे से रवाना हुए ये विमान लगभग सात हजार किलोमीटर का सफर तय करके बुधवार को अंबाला वायुसेना अड्डे पर पहुंचेंगे। बीच में यह विमान संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अल दाफरा हवाईअड्डे पर रुके।
बेजोड़ और बलवान
भारत ने वायुसेना के लिए 36 राफेल विमान खरीदने के लिए चार साल पहले फ्रांस के साथ 59 हजार करोड़ रुपए का करार किया था। पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक बयान में कहा, '10 विमानों की आपूर्ति समय पर पूरी हो गई है और इनमें से पांच विमान प्रशिक्षण मिशन के लिए फ्रांस में ही रुकेंगे। सभी 36 विमानों की आपूर्ति 2021 के अंत तक पूरी हो जाएगी।' फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने विमानों के भारत रवाना होने से पहले भारतीय वायुसेना के पायलटों से बातचीत में कहा कि आप इन्हें (राफेल को) बेजोड़ और बलवान दोनों कह सकते हैं।
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