लेह:गलवान घाटी में चीन द्वारा धोखेबाजी से किए गए हमले में 20 जवानों की शहादत के बाद चीन और भारत के बीच तनाव चरम पर है। देश में लगातार चीन के खिलाफ अभियान छिड़ा हुआ है और लोग चीनी वस्तुओं, एप्स और उत्पादों का बॉयकॉट करने की अपील कर रहे हैं। चीन की इस कायराना हरकत के बाद वायुसेना भी अलर्ट पर है। वायुसेना ने अपने फॉरवर्ड बेस में लड़ाकू विमानों की तैनाती कर दी है। चीन सीमा के पास वायुसेना के हेलीकॉप्टर और लड़ाकू विमान उड़ते हुए नजर आए।
तैयारियों का लिया जायजा
इस बीच शुक्रवार को वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने लेह और श्रीनगर स्थित एयरबेस का दौरा किया और वायुसेना सेना बेस की तैयारियों की समीक्षा की। वायुसेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब चीन के साथ तनाव चरण पर है। भारत का कहना है चीन ने 15-16 जून की रात पूर्व नियोजित तरीके से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। चीन पर आरोप है कि वह एकतरफा तरीके से गलवान घाटी में एलएसी को बदलने की कोशिश कर रहा है।
वायुसेना और नौसेना भी अलर्ट पर
अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं। भारतीय वायु सेना ने भी अग्रिम मोर्चे वाले अपने सभी ठिकानों पर अलर्ट बढ़ाते हुए एलएसी पर नजर रखने को कहा है।
पीएम ने कही थी ये बात
चीन की इस कायरान हरकत पर पीएम मोदी ने जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा था, 'हमारे इन शहीदों का ये बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच जमीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा। हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।'
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