नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना के साथ हुए खूनी संघर्ष और सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच भारत अपनी रक्षा तैयारियों को और तेज कर दिया है। भारतीय वायु सेना (IAF) अपने बेड़े को और ताकतवर बनाने के लिए रूस से लड़ाकू विमानों को खरीदने का प्रस्ताव आगे बढ़ाया है। वायु सेना ने सरकार को रूस से 12 सुखोई-30 एमकेआई, 21 मिग-29 सहित लड़ाकू विमान खरीदने का प्रस्ताव दिया है। सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप भारतीय सेना ने अपनी चौकसी और निगरानी बढ़ा दी है।
6000 करोड़ रुपए का है रक्षा खरीद प्रस्ताव
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा, 'भारतीय वायु सेना इस प्रस्ताव पर पिछले कुछ समय से काम कर रही थी लेकिन अब उसने इस प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाना शुरू किया है। यह रक्षा खरीद प्रस्ताव करीब 6000 करोड़ रुपए का है। इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर के लिए इसे अगले सप्ताह रक्षा मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में पेश किया जाएगा।' सूत्रों का कहना है कि हाल की दुर्घटनाओं में वायु सेना ने अपने कई फाइटर प्लेन खोए हैं। रूस से मिलने वाले 12 सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों से उनकी भरपाई की जाएगी। भारत ने 10 से 15 सालों के दौरान 272 सुखोई-30 विमानों के ऑर्डर दिए हैं।
गलवान घाटी की हिंसा के बाद तनाव बढ़ा
15 जून की रात गलवान घाटी की हिंसा के बाद सीमा पर तनाव बढ़ गया है। लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के समीप अपने अग्रिम मोर्चों पर भारतीय फौज पहले से ज्यादा चौकस हो गई है। हाल के दिनों में इन सेक्टर्स में सेना की तादाद बढ़ा दी गई है। एलएसी के समीप स्थित वायु सेना के ठिकानों को अलर्ट पर रखा गया है। इसके अलावा हिंद महासागर में नौसेना अपने युद्धपोतों की संख्या बढ़ा रही है। बुधवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ एवं तीनों सेना प्रमुखों के साथ बैठक हुई और इसके बाद तीनों सेनाओं के लिए अलर्ट का स्तर जारी किया गया।
चीन के सैनिकों के भी हताहत होने की खबर
गलवान घाटी में हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। इस खूनी संघर्ष में चीन के सैनिकों के हताहत होने की भी खबर है लेकिन चीन की तरफ से अभी इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है। चीन सरकार के मुखपत्र 'ग्लोबल टाइम्स' के संपादक ने माना है कि इस संघर्ष में चीनी सैनिक भी हताहत हुए हैं। बुधवार को भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच गलवान हिंसा पर फोन पर बातचीत हुई। विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि गलवान घाटी में जो कुछ भी हुआ उसके लिए चीन के सैनिक जिम्मेदार हैं।
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