नई दिल्ली : वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के तनावपूर्ण माहौल के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सोमवार से अपनी तीन दिनों की रूस यात्रा पर हैं। समझा जाता है कि अपनी इस यात्रा के दौरान सिंह रूस से वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति जल्द करने का अनुरोध करेंगे। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ खूनी संघर्ष में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं। इस घटना के बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। भारत ने एलएसी पर स्थित अपने सभी अग्रिम मोर्चों को अलर्ट कर दिया है। भारत और रूस के संबंध काफी मजबूत हैं और उसकी दोस्ती समय पर खरी उतरी है।
एस-400 की जल्द आपूर्ति पर होगी बात
चर्चा है कि कोविड-19 संकट की वजह से रूस ने एस-400 की आपूर्ति दिसंबर 2021 तक के लिए टाल दी है। हालांकि इस रक्षा सौदे की एक बड़ी राशि भारत ने रूस को अदा कर दी है। रूस की एस-400 दुनिया की बेहतरीन वायु रक्षा प्रणालियों में से एक है। रूस से इस प्रणाली को चीन पहले ही खरीद चुका है। अब भारत भी चाहता है कि यह रक्षा प्रणाली जल्द उस तक पहुंचे।
सैन्य परेड का आयोजन कर रहा रूस
दरअसल, रूस ने द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर मिली जीत की याद में सोवियत संघ की विजय की 75वीं वर्षगांठ आयोजित कर रहा है। इस मौके पर रूस की तरफ से भव्य सैन्य परेड का आयोजन हो रहा है। इस कार्यक्रम के लिए रूस ने भारत को न्योता भेजा था। भारत की तरफ से तीनों सेनाओं, सेना, वायु सेना और नौसेना का 75 सदस्यों का एक संयुक्त दल पहले ही मास्को पहुंच चुका है। इस परेड में चीन सहित कम से कम 11 देशों के सैन्य शिष्टमंडल हिस्सा ले रहे हैं।
भारतीय सैन्य दल भी लेगा हिस्सा
भारतीय सेना का यह दल मास्को में परेड में शामिल होगा। रक्षा मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है, 'द्वितीय विश्व युद्ध में रूस की विजय की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 24 जून को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शिरकत करेंगे।' आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंधों को देखते हुए रक्षा मंत्री की यह यात्रा हो रही है। रूस में इस परेड का आयोजन नौ मई को होना था लेकिन कोविड-19 महामारी को देखते हुए इसे आगे के लिए टाल दिया गया।
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