Gyanvapi Masjid Row : ज्ञानवापी मस्जिद एवं उसमें हुए सर्वे को लेकर हिंदू एवं मुस्लिम पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप एवं दावों का दौर जारी है। मामला निचली और शीर्ष अदालत दोनों जगह है। सर्वे में मिले साक्ष्यों के आधार पर हिंदू पक्ष ज्ञानवापी को जहां मंदिर का हिस्सा बता रहा है तो मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह मस्जिद है। ज्ञानवापी मस्जिद पर मुस्लिम पक्ष के दावे को मुखरता से आगे रखने में ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी सबसे आगे हैं। सर्वे में मिले शिवलिंग को उन्होंने फव्वारा बताते हुए उन्होंने मामले को एक नया रंग देने की कोशिश की। ओवैसी ने यह भी कहा कि वह एक और मस्जिद को शहीद नहीं होने देंगे। अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मीडिया सेल के प्रभारी अमित मालवीय ने इस पूरे मामले में ओवैसी से तीखे सवाल पूछे हैं।
'वहां कयामत तक मस्जिद नहीं रहनी चाहिए थी?'
गुरुवार को मालवीय ने अपने एक ट्वीट में कहा कि ज्ञानवापी मंदिर मामले को ओवैसी सांप्रदायिक रूप दे रहे हैं। भाजपा नेता ने पूछा कि साल 2020 में हैदराबाद में सचिवालय के निर्माण के लिए दो मस्जिदें, मस्जिद-ए-मोहम्मदी और मस्जिद-ए-हाशमी को गिरा दिया गया लेकिन इन दोनों मस्जिदों को जमींदोज किए जाने पर ओवैसी ने एक शब्द भी नहीं कहा। वह हैदराबाद के सांसद हैं। मालवीय ने पूछा, 'वहां कयामत तक मस्जिद नहीं रहनी चाहिए थी?'
ज्ञानवापी मस्जिद को नहीं खोएंगे-ओवैसी
तीन दिन पहले अहमदाबाद में एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा है कि ज्ञानवापी मस्जिद थी और यह कयामत तक मस्जिद रहेगी। ओवैसी ने कहा कि ज्ञानवापी का हाल बाबरी मस्जिद की तरह नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब वह 20-21 साल के थे तो बाबरी मस्जिद को उनसे छीन लिया गया, लेकिन अब फिर से 20-21 साल की उम्र के बच्चों के सामने ज्ञानवापी मस्जिद को नहीं खोएंगे। मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि 'आप हुकूमत को नहीं बदल सकते क्योंकि आपका वोट बैंक कभी नहीं रहा, पहले बाबरी हुआ, अब ज्ञानवापी का हो रहा है, तुमने मक्कारी से बाबरी मस्जिद को छिना, लेकिन अब ज्ञानवापी को नहीं छीन पाओगे, ज्ञानवापी मस्जिद थी है और रहेगी।'
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सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को होगी सुनवाई
एआईएमआईएम नेता ने ज्ञानवापी में सर्वे करने के वाराणसी कोर्ट के आदेश पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि 1991 के पूजा स्थल अधिनियम, इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश की अनदेखी कर सर्वे का आदेश दिया गया है। यह आदेश अनुचित है। वह उम्मीद करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह से इस आदेश पर रोक लगाएगा। वाराणसी कोर्ट के आदेश पर 14 से 16 मई तक सर्वे हुआ है। कोर्ट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी है। सर्वे रिपोर्ट पर अब शुक्रवार को सुनवाई होगी। वहीं, अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट भी शुक्रवार को सुनवाई करेगा।
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