नई दिल्ली : केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से डिस्चार्ज हो गए। इससे पहले गत 30 अगस्त को शाह को एम्स के 'पोस्ट कोविड केयर' यूनिट में भर्ती किया गया था। इसके बाद एक बार फिर उन्हें 13 सितंबर को मेडिकल चेकअप के लिए भर्ती किया गया। बता दें कि शाह की कोविड-19 की रिपोर्ट दो अगस्त को पॉजिटिव आई थी इसके बाद उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती किया गया। इसके बाद 14 अगस्त को उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा कि वह अपने घर पर कुछ दिन और आइसोलेशन में रहेंगे। शाह ने कहा कि डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है।
समझा जाता है कि अमित शाह अब संसद के मानसून सत्र में हिस्सा लेंगे। मानसून सत्र गत सोमवार से शुरू हुआ। कोरोना के खतरे को देखते हुए संसद में विशेष उपाय किए गए हैं।
200 सासंदों की उम्र 65 से अधिक
संसद के 785 सांसदों में से करीब 200 सदस्य ऐसे हैं जिनकी उम्र 65 साल से अधिक है। कोविड-19 के संकट के इस दौर में कम से कम सात केंद्रीय मंत्री उपचार के बाद इस महामारी से ठीक हुए हैं। गुरुवार को भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के रिकॉर्ड 97,894 मामले सामने आए। इसके साथ ही देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या 51 लाख को पार कर गई है। अब तक इस महामारी से 83,000 लोगों की जान जा चुकी है।
अस्पताल में भर्ती होते हुए किया कामकाज
अस्पताल में भर्ती रहते हुए केंद्रीय मंत्री लगातार सक्रिय थे। उन्होंने अस्पताल से ही गुजरात की गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र में ₹229 करोड़ की लागत वाली 24X7 जलापूर्ति योजना का शिलान्यास वीडियो कॉन्फ़्रेन्सिंग के माध्यम से किया था। यह योजना पीएम मोदी के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे 'सेवा सप्ताह' के चलते की शुरू की गई है।
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