नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को दिल्ली कैंटोनमेंट में बने कोविड-19 अस्पताल का दौरा किया। सरदार वल्लभभाई पटेल कोविड-19 अस्पताल को डीआरडीओ ने तैयार किया है। खास बात यह है कि कि यह अस्पताल अस्थाई है और इसे 12 दिनों के रिकॉर्ड समय में बनाकर तैयार किया गया है। इस अस्पताल में 250 आईसीयू सहित 1000 बेड्स हैं। इस मौके पर गृह मंत्री ने कहा, 'इस संकटपूर्ण समय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली के लोगों की मदद करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। यह कोविड अस्पताल उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है।' शाह ने आगे कहा, 'मैं इस अस्पताल के लिए डीआरडीओ, टाटा और सशस्त्र बलों के चिकित्सा कर्मियों को आभार जताता हूं जो मौके पर साथ आए हैं और समस्या से निपटने में हमारी मदद की है।'
हर्षवर्धन, केजरीवाल भी रहे मौजूद
इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और डीआरडीओ के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी मौजूद थे। बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण से राजधानी का बुरा हाल है। यहां रोजाना दो हजार से ज्यादा कोरोना के नए मरीज मिल रहे हैं। मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि सरकार के लिए चिंता की वजह बन गई है। इस चुनौती से निपटने के लिए गृह मंत्रालय दिल्ली सरकार की मदद कर रहा है। कोविड-19 से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए राजधानी के अस्पतालों में बेड्स एवं चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
14 दिनों में बनना था अस्पताल
कुछ दिनों पहले राजधानी में 1000 बेड्स वाला अस्पताल बनाने के लिए गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय के बीच एक बैठक हुई थी। इस बैठक में 14 दिनों के अंदर 1000 बेड्स की क्षमता वाले एक अस्पताल के निर्माण की रूपरेखा तैयार की गई और इस काम की जिम्मेदारी डीआरडीओ को सौंपी गई। लेकिन डीआरडीओ ने समय से दो दिन पहले अस्पताल का निर्माण कर दिया। दिल्ली में कोविड-19 से निपटने के लिए गृह मंत्री अमित शाह लगातार सक्रिय हैं। हाल के दिनों में उन्होंने दिल्ली-एनसीआर के अधिकारियों एवं राजधानी से लगने वाले राज्यों उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठकें की हैं।
डीआरडीओ करेगा रखरखाव
इस अस्पताल में सशस्त्र बलों के चिकित्साकर्मी डॉक्टर,नर्स एवं सपोर्ट स्टॉफ काम करेंगे जबकि इस अस्पताल का रखरखाव डीआरडीओ खुद करेगा। जिला प्रशासन की ओर से रेफर किए गए कोविड-19 मरीजों का मुफ्त इलाज इस अस्पताल में किया जाएगा। जबकि कोविड के गंभीर मरीजों को इलाज के लिए यहां से एम्स भेजा जाएगा। इस अस्पताल के निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं।
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