आजमगढ़ की रैली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पर जमकर बरसे और कहा कि आजकल JAM शब्द का खूब इस्तेमाल हो रहा है। उन्होंने किसी पत्रकार से पूछा कि जैम क्या है तो उसने बताया कि जैम का मतलब जिन्ना, आजम खान और मुख्तार है। यह सुनकर आश्चर्य हुआ क्योंकि उनके लिए तो जैम का मतलब जनधन अकाउंट, आधार कार्ड, और मोबाइल फोन है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जब चुनाव नजदीक आता है को अखिलेश यादव को जिन्ना याद आने लगते हैं। जहां तक वो समझते हैं कि कोई भी मुसलमान ऐसा नहीं होगा जिसके आदर्श जिन्ना होंगे। लेकिन चुनाव और वोटबैंक की राजनीति जो ना करा दे।
मच्छर और माफिया से पूर्वांचल हुआ मुक्त
अमित शाह ने कहा कि यूपी में जब से योगी आदित्यनाथ की सरकार आई तब से जात पात की राजनीति इतिहास का हिस्सा हो गया। वो इस मौके पर योगी सरकार को सर्टिफिकेट देना चाहते हैं योगी जी के राज में मच्छर और माफिया से पूर्वांचल अब मुक्त हो चुका है। उन्होंने कहा कि आज यह समझना जरूरी है कि प्रदेश का विकास किसके हाथों हो सकता है। ये लोग उत्तर प्रदेश का भला नहीं कर सकते। जात पात में बांटना, दंगे कराना यही इनकी मानसिकता है।
क्या कहते हैं लोग
आजमगढ़ की रैली के बारे में हमने बलिया, मऊ और आजमगढ़ के लोगों से समझने की कोशिश की आखिर मुख्तार का जिक्र अमित शाह ने क्यों किया। जिन्ना की बात क्यों की। इस सवाल के जवाब में बलिया के राम सिंह कहते हैं कि अगर आप देखें तो मुख्तार की रीढ़ सही मायनों में योगी सरकार ने तोड़ दी है। मुख्तार के खिलाफ जिस तरह से कार्रवाई हुई है उससे पूर्वांचल में संगठित अपराध करने वालों में खौफ पनपा है। आम लोगों को लगता था कि सपा या बसपा की सरकार में इस तरह की कार्रवाई के बारे में सोच पाना भी मुमकिन नहीं था।
मऊ के रहने वाले राम सनेही यादव कहते हैं कि अमित शाह और योगी की बातों का असर नहीं पड़ने वाला है। जनता भी जानती है कि चुनाव के सामने नेता लच्छेदार बात कहते हैं, आज लोगों के सामने महंगाई एक बड़ा मुद्दा है, जहां तक अपराधियों का सवाल है तो उससे पूर्वांचल मुक्त नहीं हुआ है।
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