नई दिल्ली। गृह मंत्री अमित शाह इस समय असम के दौरे पर हैं जहां उन्होंने कई परियोजना की आधारशिला रखी। उस मौके पर उन्होंने बोडो उग्रवाद का जिक्र किया तो यह भी बताया कि किस तरह से जमाना बदला है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब अलगाववादी इन राज्यों (पूर्वोत्तर) में युवाओं के हाथों में हथियार देते थे। लगभग सभी सशस्त्र समूह मुख्यधारा में शामिल हो गए हैं और युवाओं द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप विश्व स्तर पर अन्य स्टार्टअप के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।
असम में आंदोलन का दौर था लेकिन अब माहौल बदला
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि असम में, आंदोलनों का दौर था। कई आंदोलन अलग-अलग मुद्दों पर शुरू किए गए थे जिसमें सैकड़ों युवा मारे गए थे। असम की शांति भंग हुई और विकसित रुका हुआ था।आगे का रास्ता क्या है? विकास ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है। विकास हो रहा है और आगे भी होगा लेकिन वैचारिक परिवर्तन की भी आवश्यकता है और यह केवल विकास से नहीं हो सकता है।
कांग्रेस ने आचार्य शंकरदेव के जन्मस्थान के लिए कुछ नहीं किया जिनके योगदान ने असम के इतिहास, नाटक लेखन, कला और कविता को मान्यता दी। लेकिन भाजपा राज्यों की भाषा, संस्कृति, कला को मजबूत करने में विश्वास करती है।बीजेपी का मानना है कि भारत तब तक महानता हासिल नहीं कर सकता जब तक राज्यों की संस्कृति और भाषा को मजबूत नहीं किया जाता। भारत की संस्कृति और कलाएँ असमिया संस्कृति और कलाओं के बिना अधूरी हैं।
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