नई दिल्ली: नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने हरियाणा सीएम खट्टर के नमाज वाले बयान को लेकर निशाना साधा है और कहा कि जम्मू-कश्मीर का ऐसे भारत में विलय नहीं हुआ था, जहां किसी धर्म विशेष पर निशाना साधकर बयानबाजी की जाए, गौर हो कि हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने नमाज के संबंध में बड़ा बयान दिया था उन्होंने कहा कि नमाज लोग खुले की जगह घर में पढ़ें।
सीएम मनोहर लाल खट्टर के इस बयान पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी ने भी आपत्ति जताई थी, सीपीआई-एम ने कहा था कि हरियाणा के मुख्यमंत्री खट्टर भारतीय नागरिकों के एक वर्ग को बुनियादी संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर रहे हैं, उनका बयान बेहद आपत्तिजनक है। सीपीआई ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से हर शुक्रवार को बजरंग दल जैसे संगठनों से जुड़े लोगों ने मुस्लिमों को निर्धारित जगहों पर नमाज अदा करने से रोका या परेशान किया है, मगर पुलिस ने कुछ नहीं किया।
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर ये रोक हर धर्म पर होती तो ये ठीक होता, लेकिन चुनने और छांटने की पॉलिसी दिखाती है कि एक खास धर्म निशाने पर है..
गुरुग्राम में पिछले कईं महीनों से खुले में नमाज पढ़ने का विरोध हो रहा है। जिसका स्थानीय लोगों कई दिनों से विरोध कर रहे हैं। जिसके बाद खुद प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ये बड़ा बयान दिया था, सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कहा था कि नमाज पढ़ने की जो प्रथा यहां खुले में हुई है, वो सहन नहीं की जा सकती। सभी के साथ में बैठकर समाधान निकाला जाएगा। बहुत सी हमारे पास जमीन है, जहां हमें अनुमति दी जाए, या कुछ जमीनें ऐसी हैं जो उनकी होगी या वक्फ की होगी वो कैसे उन्हें उपलब्ध कराया जा सके या तो अपने घर में नमाज पढ़ें।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सार्वजनिक स्थानों पर नमाज पढ़ने के संबंध में दिए एक बयान पर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है अभी तक कई चेहरे खट्टर के इस बयान पर आपत्ति जता चुके हैं।
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