चंडीगढ़। हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इसके बारे में उन्होंने खुद जानकारी देते हुए कहा कि जो उनके संपर्क में आए हैं वो लोग खुद की जांच कराएं। फिलहाल वो अंबाला के अस्पताल में भर्ती हैं। बड़ी बात यह है कि 20 नवंबर को कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल में उन्हें वैक्सीन दी गई थी। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि क्या कोवैक्सीन कारगर होगी।
कोरोना वैक्सीन के संबंध में शुक्रवार को हुई थी सर्वदलीय बैठक
कोरोना वैक्सीन के संबंध में शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक हुई थी जिसमें पीएम नरेंद्र मोदी ने भरोसा दिया कि वैक्सीन पर काम बहुत तेजी से चल रहा है और दो से तीन हफ्तों के अंदर हम टीकाकरण की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन को बचाना ही सर्वोच्च प्राथमिकता है और इसके लिए सभी राज्य सरकारों की मदद ली जाएगी।
टीकाकरण में इन लोगों को मिलेगी प्राथमिकता
इस तरह की बातें हर किसी के मन में है कि आखिर वैक्सीन किसे पहले दी जाएगी। इस संबंध में सरकार मे सभी तरह के शंकाओं पर एक तरह से पर्दा उठाया है। पहले चरण में खासतौर से चार समूहों को प्राथमिकता दी जाएगा। पहले तो हेल्थ वर्कर्स जो अपनी जान की परवाह किए बगैर मरीजों की सेवा कर रहे हैं। उसके बाद फ्रंटलाइन वर्कर्स जो लगातार किसी न किसी रूप में कोरोना मरीजों के संपर्क में है। इसके साथ ही 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों पर खास ध्यान क्योंकि इस ग्रुप में मौत ज्यादा हुई है। इसके साथ ही 50 साल से कम उम्र के वो लोग जो किसी गंभीर बीमारी का सामना कर रहे हैं।
वैक्सीन के फेज तीन का प्रोटोकाल का कहता है कि .5 मिली की दो डोज 28 दिन के अंतर दी जानी थी। लेकिन विज को जो पहला डोज दिया गया वो 20 नंवबर की तारीख थी। इसके मुताबित दूसरा डोज 28 दिसंबर को दिया जाता। इसका अर्थ यह भी है कि सिर्फ एक डोज से इम्यूनिटी नहीं विकसित हो रही है और करीब करीब यह बात सभी वैक्सीन पर लागू
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