कोलकाता। इस साल के पहले सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) की गवाह पूरी दुनिया बन रही है। भारत में केवल अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों में ही सूर्यास्त से कुछ समय पहले दिखाई देगा।यह वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा और यह खगोलीय घटना तब होती है जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आ जाते हैं।
लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा सूर्य ग्रहण
एम पी बिरला तारामंडल के निदेशक देबीप्रसाद दुरई ने मंगलवार को यहां कहा कि सूर्य ग्रहण भारत में अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के कुछ हिस्सों से ही दिखाई देगा।अरुणाचल प्रदेश में दिबांग वन्यजीव अभयारण्य के पास से शाम लगभग 5:52 बजे इस खगोलीय घटना को देखा जा सकेगा। वहीं, लद्दाख के उत्तरी हिस्से में, जहां शाम लगभग 6.15 बजे सूर्यास्त होगा, शाम लगभग छह बजे सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।
क्या होता है वलयाकार सूर्यग्रहण
वलयाकार सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा पृथ्वी से काफी दूर होते हुए पृथ्वी और सूर्य के बीच में इस तरह से आ जाता है जिससे कि सूरज के मध्य का पूरा भाग चंद्रमा की छाया से ढक जाता है लेकिन सूरज का बाहर वाला क्षेत्र प्रकाशित रहता है। इसे कंकणाकार ग्रहण भी कहते हैं क्योंकि सूर्य के करीब 98 फीसद हिस्से को चंद्रमा घेर लेता है।
उत्तरी अमेरिका, यूरोप में बड़े इलाके में सूर्य ग्रहण
दुरई ने कहा कि उत्तरी अमेरिका, यूरोप और एशिया के बड़े क्षेत्र में सूर्य ग्रहण देखा जा सकेगा।भारतीय समयानुसार पूर्वाह्न 11:42 बजे आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और यह अपराह्न 3:30 बजे से वलयाकार रूप लेना शुरू करेगा तथा फिर शाम 4:52 बजे तक आकाश में सूर्य अग्नि वलय (आग की अंगूठी) की तरह दिखाई देगा।दुरई ने कहा कि सूर्यग्रहण भारतीय समयानुसार शाम लगभग 6:41 बजे समाप्त होगा।विश्व में कई संगठन सूर्य ग्रहण की घटना के सीधे प्रसारण की व्यवस्था कर रहे हैं।
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