नई दिल्ली: भारतीय राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान राज्य में हुई हिंसा पर एक नोटिस जारी किया है। एनएचआरसी ने चार सप्ताह के भीतर मामले में रिपोर्ट मांगी है।
नोटिस में आयोग ने कहा कि एक शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम, 2019 के पारित होने के बाद उत्तर प्रदेश में अधिकारियों द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की कई घटनाएं हुई हैं।
NHRC ने कहा, 'युवा मारे गए हैं, इंटरनेट बंद कर दिया गया है और पुलिस खुद सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट कर रही है। शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने के अधिकार का भी उल्लंघन किया गया है। शिकायतकर्ता ने मामले में आयोग के हस्तक्षेप के लिए अनुरोध किया है।'
इसमें आगे कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि पिछले कुछ दिनों में पूरे उत्तर प्रदेश से कई रिपोर्ट्स आई हैं कि 19 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें ज्यादातर युवा, मुख्य रूप से गोली से घायल हुए हैं।
शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया है कि संबंधित अधिकारी ने कहा कि पुलिस ने गोलीबारी नहीं की है। जबकि पुलिस कर्मियों को सार्वजनिक तौर पर खुली गोलीबारी दिखाती हुई खबरें विपरीत साबित करती हैं।
एनएचआरसी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारियों ने व्यक्तियों की संपत्तियों को भी नष्ट कर दिया और उनकी दुकानों को सील करके मुस्लिम आबादी को निशाना बनाया।
CAA के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुआ, कई जगह इसने हिंसक रूप धारण कर लिया। उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुआ, कई लोगों की जान भी इसमें गई।
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