नई दिल्ली। पाकिस्तान के बारे में एक सामान्य सी धारणा है कि वो आतंकवाद को पालने पोसने वाला देश है, उसकी सरजमीं पर पाकिस्तानी सेना आंतकी तंजीमों को ट्रेनिंग देती है। भारत सरकार इस विषय को बार बार अंतरराष्ट्रीय मोर्चों पर उठाती रही है। यह बात अलग है कि पाकिस्तान की कायराना हरकतें जारी है। जम्मू कश्मीर में सीजफायर का उल्लंघन पाकिस्तान की तरफ से होता ही रहता है और इसका जवाब भारतीय सेना देती भी है।
कुपवाड़ा सेक्टर में पाकिस्तान को जवाब
हाल ही में भारतीय सेना ने कुपवाड़ा सेक्टर में पाकिस्तान की ऐसी ही हिमाकत का जवाब दिया है। इस सेक्टर में कुपवाड़ा की उल्टी दिशा यानि पाकिस्तान फौज के कैंपों को निशाना बनाया जिसमें एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल और आर्टिलरी की इस्तेमाल किया गया। भारतीय सेना का मकसद सिर्फ यह बताना है कि सीमापार से अगर सीजफायर उल्लंधन की हिमाकत की जाएगी तो उसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पाकिस्तान को पारंपरिक तौर पर जिस अंदाज में जवाब दिया जाता था। उससे आगे बढ़कर अब ज्यादा आक्रामक तरीके से जवाब मिलेगा।
2019 में सीजफायर उल्लंघन के ज्यादा मामले
भारत सरकार की एक रिपोर्ट में दिसंबर 2019 तक सीजफायर की करीब 3200 मामले सामने आए। पांच अगस्त 2019 को जब अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया गया उसके सीमापार यानि पाकिस्तानी की तरफ से इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ। 2018 में करीब 1800 और 2017 में 1600 मामले सामने आए थे। सुरक्षाबलों का कहना है कि 2019 में सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं अगस्त से दिसंबर तक ज्यादा बढीं। दरअसल पाकिस्तान भार के उस फैसले को स्वीकार नहीं कर सकता जिसमें अनुच्छेद 370 को हटा दिया गया था।
पाकिस्तान को लेकर भारतीय नीति में बड़ा बदलाव
जानकार कहते हैं कि पाकिस्तान के प्रति भारतीय नीति में बड़ा बदलाव आया है। भारतीय फौज पहले भी जवाबी कार्रवाई करती थी। लेकिन अब सेना के पीछे एक ऐसा राजनीतिक नेतृत्व है जो आतंकवाद और उन्हें प्रश्रय देने वालों देशों के बारे में स्पष्ट सोच रखता है। पीएम नरेंद्र मोदी सभी मंचों पर खुलकर कहते हैं कि भारत का पड़ोसी देश आखिर क्या कर रहा है। एक तरफ तो वो भारत से उन तंजीमों के बारे मे सबूत पेश करने को कहता है जो सीधे तौर उसकी धरती से संचालित होते हैं।
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