Frankly Speaking With Arif Mohammad Khan: उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या और अमरावती में फार्मसिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या के बाद देश के हालात पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान से टाइम्स नाउ की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार ने खास बातचीत की। उनसे कई सवाल किए गए। जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि इस घृणित कार्य की जितनी भी निंदा की जाए वह बहुत कम है। मुझे इन घटनाओं पर आश्चर्य नहीं है। घटना के कारणों पर विचार करना चाहिए। बच्चों को मदरसों में गलत शिक्षा दी जाती है। बच्चों के धार्मिक शिक्षा की अनुमित कैसे? मजहबी शिक्षा की वजह से आतंक है। शांति के लिए मजहबी शिक्षा बंद होना चाहिए। धर्म को पेशा बनाने वाले गलत हैं। कुछ लोगों ने धर्म को पेशा बना लिया है। गरीबों की शिक्षा के लिए पैसा नहीं लिया जाता है। बच्चों को शिक्षा की जिम्मेदारी समाज की है। 14 साल की उम्र तक धार्मिक शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए। बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिलनी चाहिए।
सर तन से जुदा पर उन्होंने कहा कि धर्म का रिश्ता आध्यात्मिकता होता है। सर तन से जुदा की बात नहीं करता है। आध्यात्मिकता गलत को सही करने का प्रयास है। भारत में शरियत नहीं संविधान लागू है। भारत ने प्रताड़ित लोगों को शरण दी है। छोटे बच्चों को रेडिकलाइज होने से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि यह देखना होगा कि ये माइंडसेट कहां से पैदा होता है। हमारे देश में संविधान है। हमें सोचना होगा कि इसकी तालीम को कैसे बंद करना है।
उन्होंने कहा कि पर्सलन लॉ को छोड़कर देश के अपने कानून हैं। हिंसा के माइंडसेट को बंद करना होगा। 14 साल के बच्चों को ब्रॉड बेस्ट एजुकेशन देना चाहिए। स्पेशलाइजेशन की शिक्षा नहीं देना चाहिए। मदरसे में स्पेशलाइज एजुकेशन नहीं देना चाहिए। कानून के मुताबिक बच्चों को आधुनिक शिक्षा मिलनी चाहिए। हमें राष्ट्रीय भवना को मजबूत करना होगा। यूएन भी अधुनिक शिक्षा के पक्ष में है। अगर भविष्य को सुरक्षित करना है तो बुनियादी समस्यों को पहचानें। समाज की बुराइयों को खत्म करना होगा। भारत में सबसे ज्यादा धार्मिक स्वतंत्रता है। कोई हमारे माइंड को कंट्रोल करे ठीक नहीं है।
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