श्रीनगर: घाटी में कश्मीरी पंडितों की टारगेट किलिंग को देखते हुए सरकार ने कश्मीरी पंडितों के घर के बाहर बाहर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। इससे पहले जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडितों को सुरक्षा देने का वादा किया था। कश्मीरों पंडितों के घर के बाहर बख्तर बंद गाड़ियां तैनात की गई हैं ताकि किसी भी प्रकार के खतरे से बचा जा सके।
अधिकारियों ने बुधवार को प्रवासी कश्मीरी पंडितों के कर्मचारियों को उनके आवास तक सीमित कर दिया, क्योंकि उन्होंने हाल ही में आतंकवादियों द्वारा की गई हत्याओं के विरोध में घाटी छोड़ने की धमकी दी है। अधिकारियों ने प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को गांदरबल जिले के तुल्लामुल्ला इलाके, बडगाम जिले के शेखपोरा, अनंतनाग के वीसू और बारामूला और कुपवाड़ा जिलों में रहने तक सीमित कर दिया।
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वहीं जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के खिलाफ सरकार भी एक्शन में है। गृहमंत्री अमित शाह ने कश्मीर में सुरक्षा को लेकर बड़ी बैठक बुलाई है। कल होने वाली इस बैठक में जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, DGP दिलबाग सिंह समेत कई आला अधिकारी मौजूद रहेंगे। बैठक में जम्मू कश्मीर की सुरक्षा पर समीक्षा की जाएगी। कल होने वाली मीटिंग में घाटी में लगातार हो रहे टारगेट किलिंग पर भी चर्चा होगी और उसे कैसे रोका जाए इसपर मंथन किया जाएगा।
बैठक में यह सुनिश्चित करने के लिए सभी व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों और 30 जून से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा से पहले घाटी में सुरक्षा स्थिति को अच्छी तरह से नियंत्रण में लाया जाए। खबर के मुताबिक उपराज्यपाल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा स्थिति और लक्षित हत्याओं को रोकने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर गृह मंत्री को विस्तृत जानकारी देंगे।
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