नयी दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे और विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला रविवार को दो दिन की म्यांमार यात्रा पर रवाना होंगे जिसका उद्देश्य रक्षा और सुरक्षा समेत अनेक क्षेत्रों में संबंधों का और विस्तार करना है। विदेश मंत्रालय ने यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि इस यात्रा से मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और आपसी हित के क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने का अवसर मिलेगा।
यह जनरल नरवणे की पिछले साल 31 दिसंबर को सेना प्रमुख के रूप में कामकाज संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा होगी।जनरल नरवणे और श्रृंगला का दौरा ऐसे समय में महत्वपूर्ण माना जा रहा है जब भारतीय सेना का पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना के साथ सीमा पर गतिरोध जारी है तथा कोरोना वायरस महामारी के बीच विदेश यात्राओं पर पाबंदी भी लगी हुई है।
जनरल नरवणे और श्रृंगला इस यात्रा में म्यांमार की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू ची तथा म्यामां सशस्त्र बलों के प्रमुख कमांडर सीनियर जनरल मिन आंग लैंग समेत म्यांमार के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। म्यांमार, भारत के रणनीतिक पड़ोसी देशों में से एक है जो उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर समेत उत्तर पूर्व के कई राज्यों के साथ 1,640 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, 'उनकी यात्रा में प्रतिनिधिमंडल म्यामां की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू ची तथा म्यामां सशस्त्र बलों के प्रमुख कमांडर सीनियर जनरल मिन आंग लैंग से मुलाकात करेगा।' दोनों देशों ने बृहस्पतिवार को भारत-म्यामां विदेश कार्यालय परामर्श की रूपरेखा के तहत आयोजित एक डिजिटल बैठक में अनेक क्षेत्रों में अपने संबंधों की विस्तृत समीक्षा की थी।
श्रृंगला ने कहा था कि भारत और म्यामां अगले साल की पहली तिमाही तक सितवे बंदरगाह को चालू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।इसमें श्रृंगला ने यह भी कहा कि महत्वाकांक्षी भारत-म्यांमा-थाईलैंड राजमार्ग परियोजना के तहत प्रस्तावित 69 पुलों की निविदा प्रक्रिया का काम भी जल्दी शुरू होगा। उन्होंने कहा,'कोविड महामारी के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों के बावजूद, हम अगले वर्ष की पहली तिमाही तक सितवे बंदरगाह को चालू करने के लिए काम कर रहे हैं। त्रिपक्षीय राजमार्ग के 69 पुलों के संदर्भ में मुझे बताते हुए खुशी हो रही है कि हम निविदा प्रक्रिया का काम जल्दी ही शुरू करेंगे।' श्रृंगला ने दोनों देशों के बीच सुदृढ़ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने पर भी बातचीत की। विदेश मंत्रालय ने आज अपने बयान में कहा कि भारत अपनी ‘पड़ोसी प्रथम’ और ‘ऐक्ट ईस्ट’ नीतियों के अनुरूप म्यामां के साथ अपने संबंधों को उच्च प्राथमिकता देता है।
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