नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने कहा है कि संविधान के प्रति निष्ठा हर वक्त हमारा मार्गदर्शन करेगा। संविधान में निहित न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व की भावना हमें मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण का फोकस भविष्य के युद्धों के लिए सेना को तैयार करने पर होगा जो नेटवर्क केंद्रित और जटिल होगा।
इसके अलावा उन्होंने चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ (CDS) के गठन को तीनों सेवाओं के बीच एकीकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम बताया। नरवणे ने कहा, 'हमारा ध्यान सेना के भीतर और सभी सेवाओं के बीच एकीकरण पर होगा; सबको साथ लेकर चलेंगे।'
वहीं चीन द्वारा सीमावर्ती क्षेत्र में किए जा रहे सैन्य बुनियादी ढांचे के विस्तार को लेकर सेना प्रमुख ने कहा कि हम उत्तरी सीमा पर उभरी चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं।
नरवणे ने कहा कि भारतीय सेना पहले की तुलना में आज बेहतर तैयार है। फोर्स में अधिकारियों की कमी पर उन्होंने कहा, 'अधिकारियों की कमी है, लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि इसके लिए आवेदन करने वाले लोगों की कमी है। हमने बल में अधिकारियों के चयन के लिए मानकों को कम नहीं किया है।'
महिला जवानों को शामिल करने पर सेना प्रमुख ने कहा कि 6 जनवरी से 100 महिला जवानों के पहले बैच का प्रशिक्षण सैन्य पुलिस में शामिल होने के लिए शुरू हो गया है।
सेना प्रमुख ने कहा, 'भारतीय सेना एक पेशेवर सेना है और नियंत्रण रेखा पर, युद्ध में, शांति में सबसे अधिक पेशेवर और नैतिक तरीके से खुद को संचालित करती है। पेशेवर सेनाएं कभी भी बर्बर कृत्यों का सहारा नहीं लेती हैं।'
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