आज से नेपाल दौरे पर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे, क्या अग्निपथ योजना पर साफ होगा नेपाल का रुख?

देश
शिवानी शर्मा
Updated Sep 04, 2022 | 12:28 IST

General Manoj Pande: भारतीय पक्ष ने जुलाई में अग्निपथ योजना के तहत नेपाली नागरिकों की भर्ती के लिए मंजूरी के लिए नेपाल को एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक काठमांडू की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 

Army Chief General Manoj Pandey visit to Nepal from today will Nepal stand on Agneepath plan be clear
आज से नेपाल दौरे पर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे। (File Photo) 

General Manoj Pande: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे आज से अपना नेपाल दौरा शुरू कर रहे हैं। ये दौरा अग्निपथ योजना के तहत नेपाली नागरिकों की संभावित भर्ती पर असमंजस को खत्म कर सकता है। भारतीय सेना के अधिकारियों ने कहा कि 4-8 सितंबर के दौरान सेना प्रमुख की नेपाल की पहली यात्रा के दौरान जनरल मनोज पांडे को नेपाल सेना प्रमुख की मानद उपाधि भी दी जाएगी। 

आज से नेपाल दौरे पर आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे

दोनों पक्षों की सेनाएं बहुत घनिष्ठ संबंध साझा करती हैं और नेपाल आमतौर पर प्रत्येक भारतीय सेना प्रमुख द्वारा दौरा किए जाने वाले पहले देशों में से एक है। सेना प्रमुख के इस दौरे में भारत और नेपाल के आपसी संबंधों में घनिष्ठता बढ़ाने के साथ-साथ चीन के आक्रामक रवैए पर भी चर्चा की जा सकती है। गौरतलब है कि चीन ने नेपाल के कई इलाकों में अपना वर्चस्व दिखाने के लिए निर्माण तेज कर दिया है और इसे लेकर कई बार नेपाल के अंदर विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।

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भारतीय पक्ष ने जुलाई में अग्निपथ योजना के तहत नेपाली नागरिकों की भर्ती के लिए मंजूरी के लिए नेपाल को एक औपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, लेकिन सेना से जुड़े सूत्रों के मुताबिक काठमांडू की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। 

नेपाल के विदेश मंत्री नारायण खड़का ने 24 अगस्त को विदेश मंत्रालय में भारतीय दूत नवीन श्रीवास्तव को बुलाया और नेपाल में सभी राजनीतिक दलों के बीच इस मुद्दे पर आम सहमति बनने तक नई योजना के तहत नेपाली नागरिकों की भर्ती की योजना को टालने के लिए कहा था। इस घटनाक्रम पर भारत की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। माना जा रहा है कि नेपाली पक्ष भारतीय सेना प्रमुख की यात्रा के दौरान अग्निपथ योजना के बारे में चर्चा कर सकता है। नेपाल के अधिकारियों ने भी अग्निपथ के तहत केवल चार साल के लिए भर्ती किए गए गोरखा सैनिकों के भविष्य को लेकर आशंका व्यक्त की है।

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14 जून को भारत ने की थी अग्निपथ योजना की घोषणा

हालांकि भारतीय सेना के एक अधिकारी के मुताबिक ये नेपाल सेना प्रमुख के निमंत्रण पर एक औपचारिक यात्रा है। अग्निपथ और गोरखा भर्ती से संबंधित मुद्दों के एजेंडे में होने की संभावना नहीं है। भारत ने 14 जून को अग्निपथ योजना की घोषणा की थी। सशस्त्र बलों की आयु प्रोफाइल को कम करने के लिए भर्ती की पुरानी प्रणाली की जगह, एक फिटर सेना सुनिश्चित करने और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम तकनीकी रूप से कुशल युद्ध लड़ने वाला बल बनाने के लिए अग्निपथ योजना की शुरुआत की। 

नेपाल के गोरखा 1947 के बाद से ही भारतीय सेना की 6 गोरखा रेजीमेंट्स में भर्ती होते आए हैं, लेकिन अग्निपथ योजना के बाद नेपाल ने अब तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है। लिहाजा सेना प्रमुख का ये नेपाल दौरा अग्निपथ योजना के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

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