नई दिल्ली: जब से नई भारतीय सेना के लड़ाकू पैटर्न की वर्दी की झलक सामने आई है, इसे लेकर बड़े पैमाने पर अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ लोग, जिनका सोशल मीडिया पर एकमात्र एजेंडा फर्जी खबरों को फैलाकर लोगों को गुमराह करना होना होता, ऐसे लोगों ने सेना की नई कॉम्बैट पैटर्न वर्दी की तुलना प्रतिबंधित श्रीलंकाई विद्रोही संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) से की है।
हालांकि, सरकारी सूत्रों दावा किया है कि सोशल मीडिया पर दुर्भावनापूर्ण इरादे से भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है, जिसमें सेना के नए पैटर्न पर फिल्टर का इस्तेमाल किया गया है ताकि इसकी उपस्थिति को विकृत किया जा सके। पाकिस्तान से आने वाले कई सोशल मीडिया हैंडल भारतीय सेना की नई वर्दी के बारे में फर्जी खबरें फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। सेना दिवस के अवसर पर नई लड़ाकू (कॉम्बैट) पैटर्न वर्दी का अनावरण किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक नई आर्मी कॉम्बैट पैटर्न यूनिफॉर्म को 15 पैटर्न, आठ डिजाइन और चार फैब्रिक के विकल्पों के माध्यम से नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की मदद से विकसित किया गया है। 15 जनवरी को पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी नई वर्दी हासिल करेगी जो 'डिजिटल' पैटर्न पर आधारित है। नई आर्मी कॉम्बैट पैटर्न यूनिफॉर्म को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की मदद से विकसित किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि इसे 15 पैटर्न, आठ डिजाइन और चार फैब्रिक के विकल्पों के माध्यम से विकसित किया गया था। नई वर्दी अमेरिकी सेना के सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वर्दी की तरह होगी। सेना के नए लड़ाकू पैटर्न की वर्दी रखने के संबंध में निर्णय हाल ही में आयोजित सेना कमांडरों के सम्मेलन में लिया गया था।
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