अर्पिता मुखर्जी: अभिनेत्री से बंगाल के मंत्री की सहयोगी तक का सफर

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Updated Jul 24, 2022 | 22:47 IST

पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी ने अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से की। फिर उड़िया फिल्मों में काम किया। फिर राजनेताओं के करीब आ गईं। पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी बन गईं। जानिए उनके जीवन के बारे में।

Arpita Mukherjee: Journey from Actress to Bengal Minister's Aide
अर्पिता मुखर्जी 

कोलकाता : फिल्म जगत में अब तक बहुत कम चर्चित अभिनेत्री और पश्चिम बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी गलत कारणों से आजकल सुर्खियों में है। मुखर्जी के फ्लैट से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी बरामद होने और पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में गिरफ्तारी को लेकर वह आजकल चर्चा के केंद्र में हैं। शुक्रवार रात में कथित नकद बरामदगी के बाद से सोशल मीडिया में उनके तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संग रिश्तों को लेकर तरह-तरह की अटकलों की भरमार है।

नियमित रूप से हुक्का बार जाती थीं अर्पिता मुखर्जी- ईडी

वर्ष 2008 से 2014 के बीच बंगाली और उड़िया फिल्म उद्योग में सक्रिय रहीं मुखर्जी ने मॉडलिंग भी की। लेकिन मनोरंजन उद्योग में सीमित सफलता के बावजूद मुखर्जी दक्षिण कोलकाता के जोका इलाके में एक शानदार अपार्टमेंट की मालकिन हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सूत्रों ने कहा कि वह नियमित रूप से शहर में हुक्का बार जाती थीं और बैंकॉक और सिंगापुर जैसी जगहों की भी यात्रा करती थीं।

मॉडलिंग का भी काम कर चुकी हैं अर्पिता मुखर्जी

वह शहर के उत्तरी उपनगर के बेलघोरिया के एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखती हैं और कॉलेज के दिनों से ही मॉडलिंग करती रही हैं। उद्योग के सूत्रों ने कहा कि पिता की मृत्यु के बाद उनकी शादी झारग्राम के एक व्यवसायी से हुई थी, लेकिन शादी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, क्योंकि वह कोलकाता लौट आई थीं।

उड़िया फिल्मों में काम किया, दो फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं

मुखर्जी ने छह उड़िया फिल्मों में अभिनय किया है, जिसमें ‘बंदे उत्कल जननी’ और ‘प्रेम रोगी’ शामिल है, ये दोनों फिल्में बॉक्स ऑफिस पर हिट रहीं। उन्होंने चंद्रचूड़ सिंह द्वारा सह-अभिनीत ‘केमिटी ए बंधन’ (2011) और अनुभव मोहंती के साथ वर्ष 2010 की फिल्म ‘मु काना एते खराप’ (2010) में भी अभिनय किया। उनकी आखिरी उड़िया फिल्म 2012 में 'राजू आवारा' आई थी। मुखर्जी की बंगाली फिल्मों जैसे 'भूत इन रोजविल', 'जीना द एंडलेस लव', 'बिदेहर खोंजे रवींद्रथ', 'मामा भगने' और 'पार्टनर' में छोटी भूमिकाएं थीं, लेकिन वह वर्ष 2014 के बाद से फिल्मों में नहीं देखी गईं।

मुखर्जी अति महत्वाकांक्षी थीं- फिल्म निर्माता संघमित्रा चौधरी

भाजपा नेता और फिल्म निर्माता संघमित्रा चौधरी ने कहा कि उन्होंने मुखर्जी को वर्ष 2013 से पहले तीन फिल्मों में भूमिका दी थी। चौधरी ने कहा कि वह एक शालीन पृष्ठभूमि की एक युवा, सुंदर और प्रतिभाशाली अभिनेत्री हैं। मैंने हमेशा नए लोगों को लेने की कोशिश की। वर्ष 2013 में मेरे भाजपा में शामिल होने के बाद हम एक दूसरे के संपर्क में नहीं रहे। चौधरी ने कहा कि उन्हें बाद में एहसास हुआ कि मुखर्जी अति महत्वाकांक्षी थीं। मुखर्जी के अपार्टमेंट से कथित तौर पर बड़ी मात्रा में धन की बरामदगी पर, चौधरी ने कहा कि मैं उनके इस तरह के विवाद में पड़ने से स्तब्ध थी। उन्हें जेल भी हो सकती है। इसके लिए मुझे खेद है।

सोशल मीडिया पर वायरल कथित तस्वीरों और वीडियो में मुखर्जी पार्थ चटर्जी और यहां तक ​​कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ मंच साझा करते दिख रही हैं। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी द्वारा ट्विटर पर साझा की गई एक तस्वीर में मुखर्जी भी तृणमूल कांग्रेस की 21 जुलाई को शहीद दिवस पर आयोजित रैली में शामिल रहीं। हालांकि पीटीआई-भाषा स्वतंत्र रूप से इन तस्वीरों और वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करती।

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