नई दिल्ली: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद अगली सरकार को लेकर सस्पेंस की स्थिति बनी हुई है। असदुद्दीन ओवैसी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी के विधायक शिवसेना- कांग्रेस सरकार को समर्थन नहीं देंगे। ओवैसी ने ट्वीट करते हुए इस बारे में जानकारी दी। ओवैसी ने लिखा, 'महाराष्ट्र में एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के 2 विधायक हैं और हम शिवसेना-कांग्रेस सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। इसे लेकर संक्षेप में एक पत्र महाराष्ट्र के राज्यपाल को भेजा जाएगा।'
ऐसी खबरें आ रही थीं कि एनसीपी और शिवसेना मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे और कांग्रेस भी उन्हें समर्थन देगी लेकिन सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने अभी तक अपने विधायकों के समर्थन का पत्र शिवसेना को नहीं सौंपा है।
महाराष्ट्र में चुनावी नतीजों के बाद शिवसेना और बीजेपी के रिश्तों में दरार आ गई थी। शिवसेना ने बीजेपी से 50-50 के फॉर्मूले पर सरकार बनाने की मांग की थी और इसके बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन को लेकर बात नहीं बनी। बीजेपी ने बहुमत नहीं मिलने के बाद महाराष्ट्र में सरकार नहीं बनाने की घोषणा कर दी थी और राज्यपाल ने शिवसेना को दावा पेश करने के लिए कहा था।
शिवसेना गठबंधन जुटाने की कोशिश कर रही है और इसी बीच ओवैसी ने ऐलान कर दिया है कि उनकी पार्टी के 2 विधायक शिवसेना को समर्थन नहीं देंगे। ओवैसी की पार्टी पर वोट काटने के आरोप भी लगते रहे हैं। इसे लेकर भी उन्होंने हाल ही में ट्वीट किया है।
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मुझे लगता है कि वोट कटवा का ताज मेरे सिर पर नहीं रखा जा सकता। यह बात सही मायने में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर सही बैठती है। जो लोग 'धर्मनिरपेक्ष' पार्टियों की हार के लिए मुझे, मेरी पार्टी और हमारे मतदाताओं को दोषी ठहरा रहे थे, वे अब काफी संतुष्ट महसूस कर रहे हैं।'
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