नई दिल्ली : समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर चौतरफा घिरते नजर आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के नेताओं ने इसके लिए उन्हें आड़े हाथों लिया तो अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी इसे लेकर सपा प्रमुख पर निशाना साधा है और उन्हें इतिहास पढ़ने की नसीहत दे डाली।
जिन्ना को लेकर अखिलेश यादव के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए ओवैसी ने सोमवार कहा कि सपा प्रमुख को यह जान लेना चाहिए कि भारतीय मुसलमानों का मोहम्मद अली जिन्ना से कोई लेना-देना नहीं है। हमारे बुजुर्गों ने पहले ही दो राष्ट्र सिद्धांत को खारिज करते हुए भारत को अपने देश के रूप में चुना था।
सपा प्रमुख पर तंज करते हुए AIMIM के प्रमुख ओवैसी ने कहा, 'अगर अखिलेश यादव को लगता है कि ऐसे बयानों से वह समाज के एक तबके के लोगों को खुश कर सकते हैं तो मुझे लगता है कि वह गलत हैं। जो भी उन्हें ऐसी सलाह देता है, सपा प्रमुख को चाहिए कि वह उन्हें बदल दें। उन्हें थोड़ा इतिहास भी पढ़ना चाहिए।'
ओवैसी की यह टिप्पणी अखिलेश यादव के उस बयान पर आई है, जिसमें उन्होंने रविवार को कहा था कि सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना ने एक ही जगह से पढ़ाई की थी, वे बैरिस्टर बने और हिन्दुस्तान को आजादी दिलाई। वह हरदोई में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे। रविवार (31 अक्टूबर) को सरदार पटेल की 146वीं जयंती थी।
अखिलेश यादव के इस बयान को लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उन पर निशाना साधा है। उन्होंने सपा प्रमुख के बयान को 'शर्मनाक' करार देते हुए कहा कि यह 'तालिबानी मानसिकता' को दर्शाता है, जो देश को बांटने वाली सोच है। इसे कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जहां देश को एकजुट किया, वहीं जिन्ना विभाजनकारी सोच रखते थे।
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