नई दिल्ली : राष्ट्रीय सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने रविवार को नागपुर में जब संघ की वार्षिक विजयदशमी रैली को संबोधित किया तो उन्होंने कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने हिंदुत्व को देश की पहचान का सार बताया तो यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) किसी खास धार्मिक समुदाय के खिलाफ नहीं है और इसकी आड़ लेकर कुछ लोग 'हमारे मुसलमान भाइयों को भ्रमित कर रहे हैं।' उनकी इस टिप्पणी पर अब हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'हम बच्चे नहीं हैं कि कोई हमें 'गुमराह' कर दे। बीजेपी ने यह साफ-साफ नहीं कहा कि सीएए+एनआरसी किसलिए है? अगर यह मुसलमानों के बारे में नहीं है तो कानून से धर्म के सभी संदर्भों को हटा दें। हम बार-बार उन कानूनों का विरोध करेंगे, जिसमें हमें अपनी भारतीयता साबित करने की आवश्यकता होगी।'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'हम हर उस कानून का विरोध करेंगे, जिसमें नागरिकता का आधार धर्म हो। मैं कांग्रेस, आरजेडी और इनके क्लोन्स को भी बताना चाहता हूं कि इसे लेकर हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान आपकी चुप्पी भुलाई नहीं जाएगी। बीजेपी के नेताओं ने जब सीमांचल के लोगों को 'घुसपैठिये' कहा तो आरजेडी-कांग्रेस ने एक बार भी मुंह नहीं खोला।'
उनका यह बयान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की उस टिप्पणी के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत एक 'हिंदू राष्ट्र' है और हिंदुत्व इस देश की पहचान का सार है। उन्होंने कहा कि आरएसएस ऐसा राजनीति या शक्ति केंद्रित अवधारण को मन में रखकर नहीं कहता और हिंदुत्व देश की संपूर्ण 130 करोड़ आबादी पर लागू होता है, जिन्हें अपने पूर्वजों की विरासत पर गर्व है। उन्होंने यह भी कहा कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) किसी खास धार्मिक समुदाय के खिलाफ नहीं है। कुछ लोग इसे लेकर 'हमारे मुसलमान भाइयों को भ्रमित कर रहे हैं।'
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