नई दिल्ली। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी बेबाकी से अपनी बात रखते हैं। लेकिन उनके बयान विवादों के केंद्र में आ जाते हैं। हाल ही में यूपी में एनकाउंटर के संबंध में जो आंकड़ा पेश किया उस पर पलटवार करते हुए यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराधियों की पहचान हम मजहब से नहीं करते हैं। इन सबके बीच गुरुग्राम नगर निगम के एक फैसले से ओवैसी को परेशानी है। उन्होंने कहा कि अगर मंगलवार के दिन मीट पर पाबंदी लगाई गई है तो शुक्रवार को शराब पर भी पाबंदी होनी चाहिए।
मंगलवार के दिन मीट पर पाबंदी
गुरुग्राम की मेयर मधु आजाद ने कहा कि सभी मांस की दुकानें मंगलवार को बंद रहेंगी। मीट की दुकानों का लाइसेंस शुल्क 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है। अवैध रूप से चलने वाली दुकानों का जुर्माना भी 10 गुना बढ़ाकर 500 रुपये से 5,000 रुपये कर दिया गया है।
ओवैसी ने ऐतराज की बताई वजह
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट किया कि दूसरे लोग अपनी निजी जिंदगी में क्या कर रहे हैं इससे किसी की आस्था कैसे चोटिल हो सकती है? लोग मीट खरीद रहे हैं, बेच रहे हैं या खा रहे हैं, वो आपको इसे खाने के लिए तो मजबूर नहीं कर रहे हैं। अगर यही बैन करने का आधार है तो शुक्रवार को शराब की दुकानें भी बंद कर दीजिए? करोड़ों भारतीय मीट खाते हैं। इसे ऐसा मत समझिए कि यह नापाक है।
मीट पर हफ्ते में एक दिन बैन का दिया गया था सुझाव
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर को रीट्वीट करते हुए ओवैसी ने अपनी बात रखी। बता दें कि गुरुवार को गुरुग्राम नगर निगम ने फैसला लिया कि शहर में हर मंगलवार को मीट की दुकानें बंद रहेंगी। इस संबंध में पार्षद अश्विनी शर्मा ने हफ्ते में एक दिन मीट की दुकानों को बंद रखने का सुझाव दिया था। उनके सुझाव पर अमल करते हुए नगर निगम ने फैसला लिया।
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