अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम शुरू हो चुका है। सर्वे के पहले दिन दो बड़े बयान आए। हिंदू पक्ष के वकील का कहना है कि कल्पना से ज्यादा है, यानी कि सर्वे में जो कुछ मिला है वो सोच से अधिक है तो दूसरी तरफ एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हम दूसरी मस्जिद नहीं खोने देंगे। हम बाबरी मस्जिद पहले ही खो चुके हैं। सभी पार्टियां मुस्लिमों को डराने में लगी हैं। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी दोनों चुप हैं। उन्होंने कहा कि देश में जिस तरह से नफरत का माहौल बनाया गया है उसकी वजह से आने वाले समय में सौहार्द को गंभीर खतरा पैदा होने वाला है। वोट बैंक की राजनीति के लिए एक वर्ग मुस्लिम समाज को डरा रहा है तो दूसरे धड़े जो अल्पसंख्यकों के दम पर सरकार में आने का सपना देखते हैं उनकी चुप्पी हैरान करने वाली है।
यथास्थिति रहे बरकरार-कांग्रेस
पार्टी के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कांग्रेस के चिंतन शिविर से इतर संवाददाताओं से यह भी कहा कि धर्म सर्वेक्षण अधिनियम, 1991 को तत्कालीन पी वी नरसिंह राव सरकार ने इसी टकराव से बचने के लिए पारित किया था।उन्होंने ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के बारे में पूछे जाने पर कहा, ‘‘धर्म स्थल अधिनियम, 1991 को गहन विचार-विमर्श करके पारित किया गया था। इससे रामजन्मभूमि को अलग रखा गया था। हमारा मानना है कि धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं और थे, उसी स्थिति में रहने चाहिए। इनमें किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए अन्यथा बड़ा टकराव होगा। इसी टकराव को खत्म करने के लिए तत्कालीन नरसिंह राव सरकार ने इसे पारित किया था।
Gyanvapi Mosque Survey: जानें, सर्वे के पहले दिन ज्ञानवापी मस्जिद परिसर से क्या क्या मिला
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