नई दिल्ली। पांच अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन का कार्यक्रम तय है। भूमि पूजन के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी का न्यौता भेजा गया था और वो कार्यक्रम में शामिल होंगे। लेकिन एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का मानना है कि अगर पीएम मोदी भूमि पूजन में शामिल होते हैं तो वो संविधान का उल्लंघन होगा।
पीएम मोदी का शामिल होना संविधान के खिलाफ
ओवैसी ट्वीट के जरिए कहते हैं कि अगर नरेंद्र मोदी आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में शामिल होते हैं तो वो शपथ के खिलाफ होगा। धर्मनिरपेक्षता ही भारतीय संविधान का मूल अधिकार है। हम इस सच्चाई से कैसे इंकार कर सकते हैं कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद 400 साल तक खड़ी रही और 1992 में आपराधिक कृत्य में गिरा दिया गया। बाबरी मस्जिद को 1992 में कारसेवकों ने गिरा दिया जिन्होंने मस्जिद वाली जगह पर पुरातन राम मंदिर होने का दावा किया था।
बीजेपी की कड़ी प्रतिक्रिया
असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि अगर आप उनके बयानों को देखें तो ऐसा लगता है कि वो धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहते हैं। जिस विषय पर फैसला आ चुका है उस पर विवाद करना समझ के बाहर है। जहां तक उन्होंने पीएम मोदी के विषय में बात की है उसका जवाब वो खुद बेहतर तरीके से दे सकते हैं।
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