नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारी पिछले 43 दिन से धरने पर बैठे हैं। इस बीच शाहीन बाग और जामिया इलाके में फायरिंग की खबरों के बीच सियासत गरमा गई है। एआईएमआईएम के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी का कहना है कि जामिया में जिसने फायरिंग की वो आतंकी है। वो कहते हैं कि यह आश्चर्य की बात है कि देश की राजधानी में बिना किसी रोक इस तरह का वारदातें हो रही हैं और देश के गृहमंत्री अमित शाह चुप हैं। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार किस तरह का संदेश देना चाहती है।
इन सबके बीच जामिया में फायरिंग को लेकर अलग अलग तरह की खबरें आ रही हैं। मसलन कुछ लोगों का कहना है कि स्कूटी सवारों ने फायरिंग की थी तो कुछ का कहना है कि कार सवारों ने फायरिंग की थी। लोगों के बयान पर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है लेकिन पुलिस का कहना है कि घटना स्थल से खाली कारतूस नहीं मिली है। असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं कि दिल्ली पुलिस की चुप्पी भी समझ के परे है। जिन लोगों ने शाहीन बाग और जामिया इलाके में फायरिंग की है उनके खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जिस तरह शादाब नाम के लड़के ने हमलावर की गोलियों का सामना किया वो काबिलेतारीफ है। संवैधानिक व्यवस्था के तरहत हर एक को अपनी बात कहने का अधिकार है। लेकिन किसी की आवाज को गोलियों के दम पर नहीं दबाया जा सकता है। अगर किसी को ऐतराज है तो वो बोली का जवाब बोली के जरिए दे सकता है। बोली का जवाब गोली नहीं हो सकता है।
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