नई दिल्ली। राम जन्मभूमि टाइटल सूट केस में अब देश को सुप्रीम फैसले का इंतजार है। उससे पहले नरसिंहाराव सरकार के दौरान गृहसचिव रहे माधव गोडबोले के एक बयान के बाद सियासत गरम है। बाबरी मस्जिद का ताला खोले जाने पर असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस को घेरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को इस विषय पर बोलने का अधिकार नहीं है। अगर देखा जाए तो कांग्रेस सिर्फ इस मुद्दे के जरिए सियासी हित साधती रही। हकीकत में कांग्रेस को इस विषय पर बोलने का अधिकार नहीं है।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि राजीव गांधी के आदेश के बाद ही ताला खोला गया था और उसका शाहबानो केस से लेना देना नहीं था। शाहबानो केस में फैसला आने के 15 मिनट के अंदर ही कानून के साथ खिलवाड़ किया गया वहीं से राजीव गांधी ने चुनावी प्रचार शुरू किया था। पांच मिनट की सुनवाई में 25 पेज का फैसला दिया गया। माधव गोडबोले ने जो कुछ कहा वो सच है। उन्होंने पूर्व पीएम राजीव गांधी के बारे में जो कुछ कहा वो ऐतिहासिक सच है। उनके आदेश पर ही ताला खोला गया और उस वक्त कांग्रेस की सरकार थी।
यहां यह जानना जरूरी है कि गोडबोले ने क्या कहा था। गोडबोले का कहना है कि यदि राजीव गांधी चाहे होते तो रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मामला सुलझ सकता था। उस समय राजनीतिक तस्वीर इस तरह की नहीं थी कि वो फैसला नहीं ले सकते थे। इस बात की संभावना थी कि कुछ लेनदेन होता और वो फैसला सभी को मान्य होता।
इस सिलसिले में शहाबुद्दीन और डॉ करन सिंह की तरफ से कुछ सुझाव भी दिए गए थे। लेकिन राजीव गांधी ने उन सुझावों में रुचि नहीं दिखाई। हकीकत में वो ताला खुलवाने में ज्यादा रुचि दिखाते रहे। गोडबोले कहते हैं कि इसलिए वो राजीव गांधी को दूसरा कारसेवक कहते हैं,पहला शख्स फैजाबाद का जिलाधिकारी था जिसके समय में यह प्रक्रिया शुरू हुई।
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