देश इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहा है। ऑक्सीजन की कमी, दवाइयों की किल्लत, बेड्स की कमी से पूरा देश परेशान है। इन सबके बीच सरकार अपनी तैयारियों के बारे में ठोल पीट रही है। लेकिन विपक्ष हमलावर है। एआईएमआईएम मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब वैज्ञानिकों ने दूसरी लहर की चेतावनी दी तो सरकार सोई हुई थी।
'केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति पूरी तरह नाकाम'
ओवैसी ने कहा कि केंद्र सरकार की वैक्सीनेशन पॉलिसी में खामी है। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट भी सरकार की आलोचना कर चुकी है। जिस तरह से केंद्र सरकार ने टीकाकरण के संबंध में गाइडलाइंस जारी की है लो संविधान में प्रदत्त राइट टू लाइफ का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद उनका मानना है कि केंद्र सरकार की टीकाकरण नीति नाकाम है। इससे भी बड़ी बात है कि केंद्र सरकार दूसरी लहर से पैदा हुए हालात को समझ नहीं पाई और उसका खामियाजा जनता भुगत रही है।
इसलिए विरोध के लिए मजबूर
ओवैसी ने कहा कि इस समय देश के लोग रेमडेसिविर के लिए मारे मारे फिर रहे हैं तो दूसरी तरफ केंद्र सरकार सिर्फ बातों के जरिए दवाओं की उपलब्धता की बात कर रही है। यही वो वजहें उन्हें सरकार की पोल खोलने के लिए मजबूर कर रही है। सवाल यह है कि जब केंद्र सरकार को पता था कि देश के सामने आपदा आ सकती है तो ऑक्सीजन की निर्यात होने दिया गया। इसके साथ ही वैक्सीन उत्पादन को सिर्फ दो कंपनियों तक सीमित करके क्यों रखा गया।
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