नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जबसे शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी की सरकार बनी है, तब से महागठबंधन में आपस में ही बयानबाजी हो रही है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने गठबंधन को लेकर एक और सनसनीखेज खुलासा किया है। अशोक चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र में शिवसेना को अपना समर्थन देने से पहले लिखित में आश्वासन मांगा था। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना से लिखित में लिया कि वह ऐसा कुछ नहीं करेगी, जो संविधान के खिलाफ हो।
चव्हाण ने कहा, 'सोनिया गांधी ने हमसे कहा कि आपको यह लिखित में लेने की आवश्यकता है कि सरकार संविधान के अनुसार कार्य करेगी। यदि यह प्रस्तावना से भटक जाएगी तो हम सरकार से बाहर निकल जाएंगे। हमने यह बात उद्धव ठाकरे को बताई। शिवसेना ने इसे स्वीकार कर लिया।'
चव्हाण के इस दावे पर बीजेपी ने शिवसेना पर निशाना साधा है। बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने कहा, 'सत्ता के लिए शिवसेना सिद्धांत और स्वाभिमान से कितना समझौता करेगी। अब अशोक चव्हाण ने कहा कि सोनिया गांधी ने कहा शिवसेना से सब लिखकर ले लो। शिवसेना ने 10 साल बीजेपी के साथ मिलकर राज्य और केंद्र में सरकार चलाई। क्या-क्या लिखकर दिया है, जरा जनता को पता चलने दो।'
इससे पहले हाल ही में महाराष्ट्र सरकार में PWD मंत्री चव्हाण ने कहा था कि ये सरकार मुस्लिमों के कारण ही बनी। चव्हाण ने कहा कि उनकी पार्टी ने शिवसेना के साथ गठबंधन करने से पहले मुस्लिम समुदाय की स्वीकृति ली थी। एक सीएए विरोधी रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे सभी मुस्लिम भाइयों ने हमें बताया कि भाजपा मुसलमानों की सबसे बड़ी दुश्मन है और इसे फिर से सत्ता में आने से रोकने के लिए कांग्रेस को महाराष्ट्र में सरकार में शामिल होने की आवश्यकता है। यही कारण है कि आज महाराष्ट्र में कांग्रेस सत्ता में है और जब तक कांग्रेस सत्ता में है, यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य में सीएए लागू न हो।'
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