जयपुर: राजस्थान कांग्रेस में एक बार फिर खींचतान के संकेत मिल रहे हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हॉर्स ट्रेडिंग के मामले में सीधे सचिन पायलट का नाम लेकर कहा कि वो सरकार गिराने के षडयंत्र में शामिल थे। गहलोत के इस बयान पर अभी तक पायलट की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन इसके बाद प्रदेश का सियासी पारा जरूर चढ़ सकता है। गहलोत यहां मीडिया से बात कर रहे थे।
सीएम गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर हमला करते हुए कहा, 'कानून अपना काम करेगा। ये नोटिस तो बल्कि लेट जारी हुआ। वो बचते रहे, बचते रहे। आखिर में कोर्ट से नोटिस सर्व हो गया। इनको वॉयस सैंपल देने में दिक्कत क्या है, तकलीफ क्या है? ये कोर्ट के अंदर स्वीकार भी कर चुके हैं कि वो इनकी वॉयस है। एफिडेविट के अंदर.. जब हमने लोकेश शर्मा के खिलाफ केस दर्ज करवाया है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात है। आप सरकार गिराने में मुख्य किरदार थे। और सबको मालूम है और आप एक्सपोज हो गए जब उसके अंदर आपकी वॉयस आई। दुनिया जानती है कि वॉयस आपकी है। आपने खुद ने सरकार गिराने का षडयंत्र किया। अब आप सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हो कि उन्होंने चूक कर दी। प्रूफ हो गया, आपने ठप्पा लगा दिया। आप खुद उनके साथ मिले हुए थे।'
गहलोत के इस बयान से साफ हो गया है कि भले ही कांग्रेस पार्टी भले ही सब कुछ ठीक होने का दावा करती हो, लेकिन अभी बहुत है, जो अदरूनी कलह को उजागर करता है। गहलोत के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। भाजपा प्रदेश सतीश पुनिया ने कहा कि गहलोत सरकारी संस्थाओं का दुरुपयोग खुद के हथियार के तौर पर कर रहे हैं।
इससे पहले सोमवार रात जयपुर के चौमूं में भाजपा की जनआक्रोश रैली में को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सचिन पायलट से राजस्थान में चूक हो गई, अगर मध्यप्रदेश की तरह यहां भी सब ठीक हो जाता तो पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) का काम अब तक शुरू हो जाता। शेखावत का इशारा उस बगावत से था जब सचिन पायलट की वजह से गहलोत सरकार संकट में आ गई थी।
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