एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर भारत में: ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल रिपोर्ट 

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Updated Nov 26, 2020 | 22:13 IST

रिपोर्ट में कहा गया है,'क्षेत्र में रिश्वत देने की उच्चतम दर (39 प्रतिशत) के साथ-साथ भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक (46 प्रतिशत) है जो लोक सेवाओं का उपयोग करने के लिए निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं'

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प्रतीकात्मक फोटो 

नयी दिल्ली: भ्रष्टाचार पर नजर रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ की एक नयी रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर भारत में है और सार्वजनिक सेवाओं का उपयोग करने के लिए व्यक्तिगत संपर्कों का उपयोग करने वाले लोगों की संख्या भी यहीं सबसे अधिक है। 'ग्लोबल करप्शन बैरोमीटर (जीटीबी) - एशिया' के अनुसार रिश्वत देने वालों में से लगभग 50 प्रतिशत से ऐसा करने को कहा गया था, वहीं निजी संपर्कों का उपयोग करने वालों में से 32 प्रतिशत का कहना था कि रिश्वत नहीं देने पर उन्हें सेवा प्राप्त नहीं होती।

यह रिपोर्ट उस सर्वेक्षण पर आधारित है, जो इस वर्ष भारत में 17 जून से 17 जुलाई के बीच किया गया था और इसमें 2,000 लोगों को शामिल किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'क्षेत्र में रिश्वत देने की उच्चतम दर (39 प्रतिशत) के साथ-साथ भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक (46 प्रतिशत) है, जो लोक सेवाओं का उपयोग करने के लिए निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं।'

रिपोर्ट में कहा गया है, 'राष्ट्रीय और राज्य सरकारों को लोक सेवाओं के लिए प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार लाने, रिश्वतखोरी और भाई-भतीजावाद पर काबू के लिए निवारक उपायों को लागू करने तथा आवश्यक लोक सेवाओं को जल्दी व प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए लोगों के अनुकूल ऑनलाइन प्लेटफार्मों में निवेश करने की आवश्यकता है।' इसमें कहा गया है कि भ्रष्टाचार पर काबू के लिए ऐसे मामलों की जानकारी देना महत्वपूर्ण है लेकिन भारत में ज्यादातर नागरिकों (63 प्रतिशत) का मानना ​​है कि अगर वे भ्रष्टाचार की रिपोर्ट करेंगे तो उन्हें बदले की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

89 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकारी भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या

रिपोर्ट के अनुसार भारत, मलेशिया, थाईलैंड, श्रीलंका और इंडोनेशिया सहित कई देशों में यौन-उत्पीड़न की दर भी अधिक है और खासकर लैंगिक आधार पर भ्रष्टाचार पर काबू के लिए काफी कुछ करने की जरूरत है। भारत में, 89 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकारी भ्रष्टाचार एक बड़ी समस्या है, 18 प्रतिशत प्रतिभागियों को वोट के बदले रिश्वत की पेशकश की गयी।सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग 63 प्रतिशत लोगों का मानना ​​है कि भ्रष्टाचार से निपटने के लिए सरकार अच्छा काम कर रही है, वहीं 73 प्रतिशत लोगों ने कहा कि भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में अच्छा काम कर रही है।

कुल मिलाकर करीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया

यह अध्ययन 17 देशों में किया गया और इसमें कुल मिलाकर करीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया। रिपोर्ट के अनुसार भारत के बाद दूसरा स्थान कंबोडिया का है, जहां यह दर 37 प्रतिशत है। उसके बाद इंडोनेशिया (30 प्रतिशत) का स्थान है। मालदीव और जापान में सबसे कम रिश्वत दर (2 प्रतिशत) है जबकि दक्षिण कोरिया में यह दर 10 प्रतिशत और नेपाल में 12 प्रतिशत है।

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