गुवाहाटी:असम में बाढ़ संबंधी घटनाओं में पांच और व्यक्तियों की मौत हो गई तथा राज्य 28 जिलों में करीब 36 लाख लोग इससे अब भी प्रभावित हैं यह जानकारी शुक्रवार को एक आधिकारिक बुलेटिन में दी गई, इसमें कहा गया है कि बृहस्पतिवार को राज्य के 33 जिलों में से 27 में 39.8 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित थे। बुलेटिन में कहा गया है कि इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में जान गंवाने वाले लोगों की कुल संख्या बढ़कर 102 हो गई है। 76 लोगों की मौत बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में हुई है जबकि 26 की मौत भूस्खलन में हुई है।
गौरतलब है कि गुरुवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने गुरुवार सुबह काजीरंगा के पास कोहिंग के राइजिंग सन स्कूल में बाढ़ राहत शिविर का दौरा किया था एसडीएमए ने बताया कि 3376 गांव पानी में डूबे हुए हैं और 1,27,647.25 हेक्टेयर कृषि जमीन पर खड़ी फसल बर्बाद हो गयी। प्रशासन 20 जिलों में 480 राहत कैंप और वितरण केंद्र चला रहा है और 70 हजार के करीब लोग राहत कैंपों में रह रहे हैं। पीड़ितों को मदद के तौर पर दाल, चावल, नमक, सरसों का तेल और अन्य राहत सामान बांटे जा रहे हैं।
सबसे ज्यादा प्रभावित जिला बारपेटा है जहां 5.50 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। इसके अलावा धुबरी में 4.11 लाख, मोरीगांव 4.08 लाख और दक्षिण सालमाड़ा जिले में 2.25 लाख लोग प्रभावित हैं। ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों का उफान मारता पानी काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में प्रवेश कर गया है, जिससे बाघ और अन्य जानवरों को जान बचाने के लिये मानव आबादी और ऊंचे इलाकों की ओर भागना पड़ा।
असम प्रदेश में मौजूदा बाढ़ आपदा के बारे में जागरूकता पैदा करने और पुनर्वास में मदद करने के लिए 'इंडिया फॉर असम' नामक एक पहल शुरू की गई है। जारी बयान में कहा गया है कि इस पहल की शुरूआत मीडिया समूह टाइम्स नेटवर्क ने की है। समूह ने देश के लोगों से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर अमस की मदद करने की अपील की है।असम में हर साल बाढ़ आती है और इस साल बाढ़ के कारण 27 जिले डूब गये हैं और 40 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुये हैं। विज्ञप्ति में कहा गया, 'असम बाढ़ की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है तथा इससे मानव और मवेशी दोनों का पीड़ाजनक विस्थापन हुआ है।'
'टाइम्स समूह' के महा प्रबंधक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी एम के आनंद के हवाले से बयान में कहा गया है, 'असम को सबसे खराब प्राकृतिक आपदा का सामना करना पड़ रहा है, यह राज्य कोरोना वायरस संक्रमण का भी सामना कर रहा है। आनंद ने कहा, 'असम में सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयासों के लिए हमें तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। 'इंडिया फॉर असम' राष्ट्र के लिए एक स्पष्ट आह्वान है, जिसमें सभी भारतीयों से पहल और उदारतापूर्वक राहत तथा पुनर्वास कार्य के लिए दान देने की अपील की गई है।'
बौद्ध आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने असम के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ से हुई जान-माल की क्षति पर दुख प्रकट किया है।बौद्ध आध्यात्मिक नेता ने बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए व सरकार के राहत एवं बचाव के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को एक पत्र लिखा है।उन्होंने पत्र में लिखा है, 'असम और भारत के अन्य हिस्सों में मानसूनी वर्षा साल -दर-साल विनाश और लोगों के लिए कठिनाइयां ला रही है। दुर्भाग्य से इस साल कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप बने रहने से स्थिति और दुष्कर हो गयी है। मैं आपके राज्य के विभिन्न हिस्सों में हुई जान-माल की क्षति तथा कई लोगों के सामने आ रही कठिनाइयों पर दुख प्रकट करने के लिए आज आपको लिख रहा हूं।'
उन्होंने पत्र में कहा, 'मैं इस बात की प्रशंसा करता हूं कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों के लिए जो कुछ भी कर सकती है, कर रही है और राहत प्रयास जारी हैं। असम के लोगों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए मैं राहत एवं बचाव के प्रयासों के लिए दलाईलामा न्यास से दान दे रहा हूं।'
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