गुवाहाटी : असम में बाढ़ खतरनाक रूप लेते जा रहा ही है। इस प्रकोप ने मंगलवार को आठ और लोगों की जान ले ली। इसके साथी इससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 59 हो गई है। राज्य के 33 जिलों में से 30 जिले में बाढ़ का संकट खड़ा हो गया है। नदियों के उफान में आने से राज्य की बड़ी आबादी प्रभाति हो गई है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने कहा कि 14 जुलाई तक बाढ़ से अब तक 59 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 30 जिलों का 45,40,890 किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित हैं। पिछले चार सप्ताह में बिश्वनाथ, तिनसुकिया, लखीमपुर, बोंगाइगांव, कामरूप, गोलाघाट, सिवसागर, मोरीगांव एवं अन्य जिलों में अब तक 59 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि 22 मई से अब तक 26 अन्य की मौत भूस्खलन की घटनाओं में हुई है।
खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं नदियां
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को धुबरी एवं मोरीगांव में दो लोगों को मौत डूबने से हुई। राज्य में ब्रह्मपुत्र सहित आठ नदियां प्रदेश के 12 जिलों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। एएसडीएमए के अधिकारियों का कहना है कि बाढ़ में 3,371 गांव डूब गए हैं और इससे करीब 33 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
लोगों के लिए राहत शिविर खोले गए
बाढ़ से राज्य में 28 जिलों की 128.495 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हुई है। अधिकारियों के मुताबिक आपदा से लोगों को बचाने के लिए 24 जिलों में 517 राहत शिविर एवं वितरण केंद्र खोले गए हैं। इन जगहों पर 44,000 लोगों को रखा गया है।
ये जिले बुरी तरह प्रभावित
बाढ़ से धेमाजी, उदालगिरी, दारंग, बिश्वनाथ, सोनितपुर, बक्सा, लखीमपुरस चिरांग, बारपेट, बोंगाईगांव, कोकराझार, धुबरी, साउथ सालमाड़ा, कोलपाड़ा, कामरूप, गोलाघाट, जोहराट, सिवसागर, मजुली, डिब्रूगढ़, वेस्ट कार्बी आंग्लोंग, करबी आंग्लोंग एवं तिनसुकिया बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
घरों एवं सड़कों को नुकसान पहुंचा
नदियों के उफान में आने और बाढ़ से राज्य के कई जगहों पर सड़क, पुल और अन्य ढांचों को नुकसान पहुंचा है। बाढ़ से बड़ी संख्या में लोगों के घर भी पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा से कम से कम 20.11 लाख पशु प्रभावित हैं।
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