Assam Floods: असम में पिछले 24 घंटों में बाढ़ के पानी में डूबने से चार बच्चों समेत कम से कम पांच और लोगों की मौत हो गई। राज्य के बारपेटा, कछार, दरांग, करीमगंज और मोरीगांव जिलों में एक-एक मौत दर्ज की गई है। वहीं राज्य में इस साल आई बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की कुल संख्या अब बढ़कर 126 हो गई है, इनमें से 17 से अधिक लोग भूस्खलन में मारे गए हैं। फिलहाल राज्य के 22 लाख से अधिक लोग अभी भी प्रभावित हैं।
पिछले 24 घंटों में असम में बाढ़ के पानी में डूबने से चार बच्चों समेत पांच की मौत
असम का बारपेटा सबसे बुरी तरह प्रभावित जिला है, जहां लगभग सात लाख लोग संकट में हैं। इसके बाद नागांव है, जहां 5.13 लाख लोग और कछार जिले में 2.77 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। बाढ़ से प्रभावित जिले हैं, बजली, बक्सा, बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, चिरांग, दरांग, धेमाजी, धुबरी, डिब्रूगढ़, दीमा हसाओ, गोलपारा, गोलाघाट, हैलाकांडी, होजई, कामरूप, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, कार्बी आंगलोंग पश्चिम, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, सोनितपुर, दक्षिण सलमारा, तामूलपुर और उदलगुरी।
बाढ़ के पानी से राज्यभर में 74,706 हेक्टेयर में फसल प्रभावित हुई है। पूरे राज्य में 564 राहत शिविरों में 2,17,413 लोग फंसे हुए हैं। बाढ़ का पानी कम होने के बावजूद सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य राज्य एजेंसियां राहत और बचाव अभियान जारी रखे हुए हैं और सभी प्रभावित जिलों में स्थिति में सुधार के संकेत मिले हैं। हालांकि चिंता की बात यह है कि नगांव जिले में कोपिली नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है।
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने सिलचर शहर का किया दौरा
रविवार को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ की स्थिति की निगरानी के लिए सिलचर शहर का दौरा किया। अपने दौरे के सीएम सरमा ने मालिनी बील, पब्लिक स्कूल रोड, राधामाधब रोड, कनकपुर, रंगीरखरी, सोनाई रोड, राष्ट्रीय राजमार्ग और तारापुर सहित बाढ़ वाले क्षेत्रों का निरीक्षण किया और बाढ़ से तबाह हुए लोगों से बातचीत की। मुख्यमंत्री ने बाद में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की और संकटग्रस्त लोगों को उचित चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए।
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