गुवाहाटी : मानसून से पहले असम में बाढ़ से लोगों का बुरा हाल हो गया है। बाढ़ के प्रकोप से राज्य के सात जिलों के 57,000 लोग प्रभावित हो गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 25 राजस्व सर्किल में आने वाले करीब 222 गांव इस बाढ़ की चपेट में हैं जबकि 10321.44 हेक्टेयर कृषि जमीन बाढ़ में डूब गई है। बाढ़ की वजह से एक बच्चे सहित तीन लोगों की जान गई है। इस आपदा में अब तक 202 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य में 18 मई तक बारिश का अलर्ट है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत अभियान
बाढ़ प्रभावित इलाकों में सेना, अर्धसैनिक बलों, एसडीआरएफ, दमकल विभाग एवं आपात सेवाओं ने राहत एवं बचाव कार्य चलाया है। होजई, लखीमपुर एवं नागांव जिलों में सड़कें, पुल और नहरें डूब गई हैं। शनिवार को लगातार बारिश होने की वजह से दीमा हसाओ जिले में के 12 गांवों में भूस्खलन की घटनाएं हुईं। भूस्खलन की वजह से कई जगहों पर पानी लग गया है और रेलवे ट्रैक को नुकसान पहुंचा है। पहाड़ी इलाकों में संचार सेवा भी प्रभावित हुई है।
ट्रेन सेवाएं प्रभावित
लुमडिंग डिवीजन में कई जगहों पर पानी लग गया है। इसे देखते हुए उत्तरपूर्व फ्रंटियर रेलवे ने ट्रेनों के संचालन में कई बदलाव किए हैं। बाढ़ एवं बारिश की वजह से इस रूट की दो ट्रेनें फंस गईं। इन ट्रेनों में करीब 1400 यात्री सवार हैं। इन यात्रियों को वायु सेना, एनडीआरएफ, असम राइफल्स एवं स्थानीय लोगों की मदद से निकाला गया।
असम में डिटोकचेरा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में फंसे लोगों को भारतीय वायु सेना ने किया एयरलिफ्ट
119 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया
डिटोकचेरा स्टेशन पर फंसे करीब 1,245 यात्रियों को बदरपुर एवं सिलचर लाया गया है जबकि 119 यात्रियों को एयरलिफ्ट कर सिलचर पहुंचाया गया। रेलवे ने इन फंसे यात्रियों के लिए भोजन एवं पानी की व्यवस्था की। मौमस विभाग का कहना है कि राज्य में 18 मई तक बारिश होने की संभावना बनी हुई है।
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