Assam Floods: असम में गुरुवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही। पिछले 24 घंटों में बाढ़ से आठ और लोगों की मौत के बाद राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 159 हो गई है। ये आठ मौतें राज्य के छह जिलों नागांव, लखीमपुर, बारपेटा, विश्वनाथ, धेमाजी और मोरीगांव में हुई हैं। इस बीच कछार जिले के सिलचर कस्बे के ज्यादातर हिस्से लगातार 11वें दिन पानी के अंदर रहे। राज्य के 25 जिलों में बाढ़ से अब भी करीब 29.80 लाख लोग प्रभावित हैं।
असम में पिछले 24 घंटों में 8 लोगों की मौत के बाद आंकड़ा बढ़कर हुआ 159
इससे पहले बुधवार को प्रभावितों की संख्या 31.50 लाख से अधिक थी। ब्रह्मपुत्र, बेकी, कोपिली, बराक और कुशियारा नदियां अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए एक केंद्रीय टीम गुरुवार को राज्य में पहुंची। गुरुवार को मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बाढ़ प्रभावित जिलों के उपायुक्तों के साथ वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की। मुख्यमंत्री सरमा ने उपायुक्तों को राहत शिविरों में रहने वाले प्रत्येक परिवार को 3,800 रुपए का भुगतान करने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने आपदा से हुए नुकसान की लिस्ट 15 जुलाई तक तैयार करने को भी कहा।
साथ ही सरकार उन छात्रों के लिए भी 1,000 रुपए की मंजूरी देगी, जिनकी पढ़ाई बाढ़ से प्रभावित हुई थी। सिलचर में स्थिति गंभीर है। शहर में कथित तौर पर भोजन, पीने के पानी और दवाओं की कमी है। बेथुकुंडी में टूटे बांध के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत का काम चल रहा है, जिससे सिलचर में जलभराव हो गया।
कछार राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार राज्यभर में 75 राजस्व मंडलों के तहत 2,608 गांव प्रभावित हुए हैं। इस बीच राज्य भर में 551 राहत शिविरों में 3,05,565 लोगों ने शरण ली है। बाढ़ से प्रभावित 14,31,652 से कछार राज्य का सबसे अधिक प्रभावित जिला है।
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