Assam Madrassas Imam News:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राज्य के सभी मुसलमानों से अपील की है कि अगर उनके इलाके के मस्जिद कोई नया इमाम या मदरसे में नया टीचर आता है तो उसकी सूचना पुलिस को अवश्य दें, इस बारे में जरूरी SoP भी बनाई गई हैं, जिसका पालन करना होगा।
हिमंत बिस्वा सरमा ने इस बारे में बताते हुए कहा कि हमने कुछ एसओपी (SoP) बनाई है कि अगर आपके गांव में कोई इमाम आता है और आप उसे नहीं जानते हैं तो तुरंत पुलिस स्टेशन को सूचित करें, वे सत्यापित करेंगे, उसके बाद ही वे रुक सकते हैं। इस काम में हमारा असम का मुस्लिम समुदाय हमारी मदद कर रहा है
सरमा ने आगे कहा कि हम इमाम और अन्य लोगों के लिए एक पोर्टल भी बना रहे हैं जो राज्य के बाहर से मदरसे में आ रहे हैं। जो लोग असम से हैं, उन्हें उस पोर्टल में अपना नाम दर्ज कराने की आवश्यकता नहीं है, बाहर के लोगों को पोर्टल में अपना नाम दर्ज कराना होगा
असम राज्य में एक पोर्टल भी बनाया जा रहा है, जहां पर गैर-सरकारी मदरसे के टीचर और मस्जिदों के इमामों की भर्ती के बारे में जानकारी दर्ज कराना अनिवार्य होगा, लेकिन, पोर्टल में सिर्फ बाहर आने वाले इमाम या मदरसा टीचर के बारे में ही सूचना रजिस्टर करना अनिवार्य है।
गौर हो कि हाल ही में असम सरकार ने दावा किया था कि उसने पिछले 5 महीने में 5 जेहादी मॉड्यूल का खुलासा किया है। इसमें बरपेटा मॉड्यूल, एबीटी मॉड्यूल-2,एबीटी मॉड्यूल-3,एबीटी मॉड्यूल-4 और एबीटी मॉड्यूल शामिल हैं। सरकार के अनुसार यह खुलासे पिछले 5 महीने में किए गए हैं। सरकार के इन दावों से साफ है कि राज्य में जेहादी मॉड्यूल तेजी से पैर पसार रहे हैं। और यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते थे। इन मॉड्यूल का खुलासा असम पुलिस और एनआईए के साथ मिल किया है।
बरपेटा मॉड्यूल- अंसार अल बंग्ला टीम के 6 व्यक्तियों की गिरफ्तारी 4 मार्च को की गई थी। इसका अहम व्यक्ति मोहम्मद सुमन उर्फ सोफि उल इस्लाम है। जो कि एक मस्जिद में इमाम और मदरसे में शिक्षक है। आम तौर पर यह मॉड्यूल बंग्लादेश के आए लोगों को अपने प्रभाव में लेता है। पुलिस को उसके पास से जेहादी साहित्य मिला है और इसका केस एनआईए के पास है।
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