अयोध्या: आखिर वो दिन आ ही गया जिसका इंतजार करते करते कई साल बीत गए आज का दिन ऐतिहासिक होने जा रहा है जब अयोध्या में भव्य एवं दिव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन एवं शिलान्यास कार्यक्रम होगा। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ न्यास क्षेत्र ट्रस्ट से इस धार्मिक कार्यक्रम की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस धार्मिक अनुष्ठान के लिए 175 अतिथियों को आमंत्रित किया गया है जिनमें 135 संत हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे। इसके लिए पीएम पांच अगस्त को अयोध्या पहुंचेंगे जिसे देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
हर ओर पुलिस के बैरियर, पीले बैनर, दीवारों पर नये पेंट का नजारा और भजन-कीर्तन है तथा हर कोना भक्तिरस से सराबोर दिख रहा है।कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर चिन्तित प्रशासन लोगों को अयोध्या आने से बचने को कह रहा है।जनता से अपील की गयी है कि वे घरों में ही रहकर यह उत्सव मनायें,भूमि पूजन कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाएगा।
अयोध्या में होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर देशभर में जबरदस्त उत्साह है। भूमि पूजन से पहले अयोध्यावासी अपने घरों के बाहर घंटी और थाली बजाकर भगवान राम का स्वागत करेंगे। भूमि पूजन से पहले रामनगरी को भव्य तरीके से सजााय गया है। सोमवार से ही अयोध्या में भूमि पूजन के लिए कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। सोमवार को भगवान राम की कुलदेवी की पूजा की गई गई। इसके बाद राम पूजन हुआ।
श्री राम क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से पहले ही भूमि पूजन को लेकर समय किया गया जिसके अनुसार यह मुहूर्त 32 सेंकेड का है जो दोपहर 12 बजकर 44 मिनट आठ सेकेंड से लेकर 12 बजकर 44 मिनट 40 सेकेंड के बीच है। इस समय में पीएम मोदी मंदिर का शिलान्यास करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, षोडश वरदानुसार 15 वरद में ग्रह स्थितियों का संचरण शुभ और अनुकूलता प्रदान करने वाला है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि मुख्य समारोह के लिए आमंत्रित किए गए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों में से 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं और वे सभी उपस्थित रहेंगे। राय ने बताया कि विहिप के दिवंगत नेता अशोक सिंघल के भतीजे सलिल सिंघल कार्यक्रम में ''यजमान'' होंगे। साथ ही नेपाल के संतों को भी आमंत्रित किया गया है क्योंकि जनकपुर का बिहार, उत्तर प्रदेश और अयोध्या से भी संबंध है। राय के मुताबिक, पीएम मोदी परिसर में 'पारिजात' का पौधा भी लगाएंगे।
कार्यक्रम के पहले अयोध्या जा रहे वाहनों की जांच की जा रही है। पुलिसकर्मी आने-जाने वालों के मोबाइल नंबर सहित पूरा ब्यौरा नोट कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है । हम किसी बाहरी व्यक्ति को अयोध्या नगरी में प्रवेश नहीं करने देंगे। निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है और एक साथ चार से अधिक लोग कहीं एकत्र नहीं हो सकते हैं।
एसएसपी ने बताया कि मंदिर अैर मस्जिद खुले रहेंगे लेकिन भूमि पूजन के अलावा बुधवार को कोई अन्य धार्मिक कार्यक्रम नहीं होगा।अयोध्या में रह रहे लोगों की चेकिंग की जा रही है ताकि सुनिश्चित हो सके कि कोई बाहरी व्यक्ति यहां आकर नहीं टिका है।शहर में संवेदनशील जगहों पर पिकेट लगायी गयी हैं और पुलिसकर्मी पूरी तरह मुस्तैद हैं ।
अयोध्या नगरी मंगलवार सूर्यास्त होते ही जगमग रोशनी से नहा उठी और राम मंदिर के भूमि पूजन से एक दिन पहले संध्याकाल जीवंत हो उठा । हर खासो-आम ने उल्लास के इस महोत्सव को 'माटी के दिये' प्रज्जवलित कर दिव्य बना दिया।संध्या आरती का समय होते ही प्रभु श्रीराम के भजन बजने लगे। हर ओर 'श्री राम चंद्र कृपालु भज मन, श्री राम जय राम जय जय राम' की गूंज थी । इस बीच हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का भी पाठ चल रहा था, हर गली, हर भवन, हर कोना, हर दिशा तरंगित हो उठी।
नया घाट और राम की पैडी से हनुमानगढी तक मार्ग के दोनों ओर माटी के दीप प्रज्जवलित किेये गये,रोशनी से नहायी अयोध्या में हर ओर प्रसन्नता का वातावरण था, बच्चे इस क्षण को सेल्फी के जरिए यादगार बनाने में मगन थे।कारसेवकपुरम हो या नया घाट या हनुमान गढी के आसपास का क्षेत्र- हर कोना रोशनी से नहाया हुआ था।
संध्या आरती में भजन का श्रवण, घंटा घडियाल, नगाडों की टंकार और शंखनाद वातावरण को अदभुत बना रहा था । कुछ मंदिरों में किन्नर भी एकत्र हुए और भक्ति के रंग में रंगे नजर आये।बच्चों और युवाओं ने नया घाट सहित अयोध्या की कई सडकों पर रंगोली सजायी। सरयू नदी का पुल भी रंग बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ था रोशनी से नहायी सरयू मनोरम लग रही थी।
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