Ram Janmabhoomi: 5 फीट का शिवलिंग और मूर्तियां मिलने से संत समाज खुश, बोले-राम मंदिर की प्रमाणिकता साबित 

देश
रवि वैश्य
Updated May 22, 2020 | 08:16 IST

Ayodhya Idols of Gods and Goddesses: अयोध्या में रामजन्मभूमि परिसर में चल रहे समतलीकरण के दौरान बड़ी संख्या में प्राचीन मंदिर के अवशेष मिलने से संत समाज बेहद खुश है।

 idols of gods and goddesses and 5 feet Shivling in Ram Janmabhoomi
अयोध्या में खुदाई के दौरान वहां कई देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां और पुरावशेष प्राप्त हुए हैं 
मुख्य बातें
  • अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर को समतलीकरण करने का कार्य चल रहा है
  • खुदाई के दौरान वहां कई देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां और पुरावशेष वहां से प्राप्त हुए हैं
  • साधु समाज ने कहा कि ये प्राचीन अवशेष मिलने से साफ है कि यहां भगवान श्रीराम का मंदिर था

नई दिल्ली: भगवान राम करोड़ों लोंगों की आस्था के प्रतीक हैं, अयोध्या में उनका भव्य मंदिर बनाने के प्रयास काफी लंबे समय से जारी हैं, इस काम में बड़ी सफलता पिछले साल मिली उसके बाद से मंदिर बनने का मार्ग प्रशस्त है और अब अयोध्या में भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर है फिलहाल श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर को समतलीकरण करने का कार्य चल रहा है। इस दौरान जेसीबी मशीन के द्वारा जब खुदाई की गई तो कई देवी देवताओं की खंडित मूर्तियां और पुरावशेष वहां से प्राप्त हुए हैं। 

इसके बाद से तमाम साधु समाज बेहद खुश है और उन्होंने कहा कि ये प्राचीन अवशेष मिलने से साफ है कि यहां भगवान श्रीराम का मंदिर था जिसकी प्रमाणिकता सिद्ध हो गई है, इसके लिए उन्होंने पुरातत्व विभाग को धन्यवाद भी दिया है।

खुदाई के दौरान मिले अवशेषों को रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने अमूल्य धरोहर बताते हुए कहा है कि इन धरोहरों को संजोकर कर रखा जाएगा साथ ही उन्होंने कहा है कि अब जल्द ही अयोध्या में भव्य राम लला का मंदिर बनकर तैयार होगा और लोग अपने आराध्य भगवान श्रीराम के दर्शन करेंगे।

रामजन्मभूमि मंदिर इसे संग्रह करके आगे उपयोग में लाना चाहता है

इन प्राचीन अवशेषों को विहिप (VHP) संग्राहलय के रूप में संरक्षित करना चाहता है। जिससे आने वाले समय में यह इतिहास की स्मृतियां बन सकें। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अंबरीश सिंह ने कहा, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिये जमीन समतल करने के दौरान मंदिरों के अवशेष मिले हैं, इनकों संग्राहलय बनाकर रखा जाएगा। इसके पहले भी जो अवशेष मिले हैं वह भी रखे हैं। इसका अलग से संग्रहालय बनेगा।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा का कहना है, जन्मभूमि स्थल में जो अवशेष मिल रहे हैं। उसकी योजना बनाकर आगे इसका प्रयोग में लाया जाएगा। यहां पर मिले हर छोटे बड़े पत्थरों का उपयोग होना है।

मंदिर परिसर में भारतीय परंपरा की शैली की नक्कासी है। अभी तो लगातार समतीकरण काम चल रहा है। इसमें आगे चलकर कोई निर्णय लिया जाएगा। अभी हमारा उद्देष्य मंदिर निर्माण का है। ट्रस्ट की अगली बैठक व भूमि पूजन का निर्णय देश की परिस्थिति पर निर्भर करता है।

अयोध्या में भावी मंदिर के निर्माण के लिए भूमि के समतलीकरण एवं पुराने गैंग-वे को हटाने का काम जारी है। कोरोना महामारी के संबंध में समय-समय पर जारी निर्देशों का पालन करते हुए मशीनों का उपयोग एवं सोशल डिस्टेंसिंग, सैनिटाइजेशन, मास्क समेत अन्य सभी सुरक्षा उपायों का प्रयोग किया जा रहा है।

खुदाई में 5 फीट के एक शिवलिंग सहित दो शिवलिंग भी मिले हैं

खुदाई में दो शिवलिंग भी मिले हैं, एक शिवलिंग तो 4 फीट 11 ईंट लंबी है। इसके अलावा खुदाई में पुरातात्विक महत्व की कई चीजें मिली हैं। खुदाई के दौरान भारी संख्या में देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियों के अतिरिक्त 7 ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ, 6 रेड सैंडस्टोन के स्तम्भ सहित 5 फीट का एक शिवलिंग भी प्राप्त हुआ है।

समतलीकरण का कार्य 11 मई से रामलला के मूल गर्भगृह के आसपास राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में हो रहा है। इसी दौरान की जा रही खुदाई में मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं। इन पुरातात्विक वस्तुओं को ट्रस्ट द्वारा संरक्षित किए जाने की भी योजना बन रही है।

'जो अवशेष मिले है उससे यह प्रतीत होता है कि अयोध्या कई चरणों में बसी है'

साकेत महाविद्यालय में प्राचीन इतिहास विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर डा. महेन्द्र पाठक ने बताया, अभी मिलें अवशेषों को देख कर ही बताया जा सकता है। इससे पहले जो मिले हैं, वह काफी प्राचीन है। यह अभी के नहीं है। अभी जो अवशेष मिले है उससे यह प्रतीत होता है कि अयोध्या कई चरणों में बसी है। जो चीजें मिल रही है वह काफी पुरानी है। इनके मिलने से वैसे तो हर प्रकार विवाद में विराम लग जाएगा।

उन्होंने कहा, यह अवशेष गुप्तकाल के पहले है। इस पर विवाद निर्थक ही रहा है। अयोध्या का पूरा मामला बिल्कुल बनावटी नहीं है। इसका प्रमाण मिलना शुरू हो गया है। इसके लिए पुरातत्व विभाग का एक अधिकारी नियुक्त हो। जिससे हमारी धरोहर संरक्षित हो सके। इसकी जानकारी भी लोगों को मिले।

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