लखनऊ : राम नगरी अयोध्या भविष्य में कैसी होगी, इस पर चर्चा के लिए आज (शनिवार, 26 जून) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अध्यक्षता में एक अहम बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई, जिसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी कैबिनेट के सदस्य भी शामिल रहे। पीएम मोदी ने इस वर्चुअल बैठक के जरिये अयोध्या के विकास की योजना की समीक्षा की। आचार्य सत्येंद्र दास ने अयोध्या के विकास के लिए तैयार विजन डॉक्यूमेंट पर चर्चा के लिए पीएम मोदी और यूपी के सीएम के जुड़ने पर खुशी जताई है।
अयोध्या के विकास की परियोजना की समीक्षा के लिए पीएम मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए सत्येंद्र दास ने कहा, 'यह अच्दी बात है। प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के इससे जुड़े बगैर यहां जमीनी स्तर पर विकास कार्य देखने को नहीं मिलेंगे।'
यहां उल्लेखनीय है कि अयोध्या के विकास को लेकर जो विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया है, उसके हिसाब से मंदिर निर्माण के दौरान और उसके बाद यहां 4 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और 8 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार की उम्मीद है। इसे तैयार करने में लगभग 500 आम लोगों और इतने ही पर्यटकों की मदद ली गई है।
अयोध्या के विकास को लेकर यह विजन डॉक्यूमेंट ली एसोसिएट साउथ एशिया प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। इसमें अयोध्या को वैदिक नगर के रूप में विकसित किए जाने की बात कही गई है। इसमें तीर्थ नगरी अयोध्या, हैरिटेज सिटी, सौर शहर, समरस अयोध्या, स्मार्ट अयोध्या के विकास की बात शामिल है।
अयोध्या को अध्यात्मिक, ज्ञान केंद्रित, उत्सव उन्मुख नगर, तीर्थ यात्रियों की सुविधा के अनुसार विकसित किए जाने की योजना पर काम हो रहा है। यहां मल्टीलेवल कार पार्किंग, पर्यटन सुविधा केंद्र की स्थापना, आउटर रिंग रोड, राम मंदिर तक जाने वाले रास्तों, स्पाइन रोड के विकास पर तेजी से काम किया जा रहा है।
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