रामपुर: नौ बार के विधायक, चार बार के मंत्री और एक बार के राज्यसभा सदस्य और वर्तमान में लोकसभा सदस्य आजम खान (Azam Khan) जी हां ये भारीभरकम परिचय है आजम खान का जो वर्तमान में रामपुर की परंपरागत सीट से सांसद हैं। आजम फिलहाल पुलिस के शिकंजे में हैं फर्जी बर्थ सर्टिफिकेट मामले में रामपुर में पत्नी और बेटे के साथ सरेंडर करने के बाद तीनों को प्रशासन ने सीतापुर जेल शिफ्ट कर दिया था।
आजम खां, उनकी पत्नी डॉ तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला ने 26 फरवरी को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। सांसद आजम खान को गुरुवार को पेशी पर सीतापुर से रामपुर लाया गया था इस बार पेशी पर वो अकेले आए थे, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला आजम की पेशी नहीं थे।
पुलिस उनको सीतापुर से अकेले ही लेकर आई थी। पेशी की औपचारिता पूरी करने के बाद सपा सांसद ने कोर्ट से प्रार्थना की कि वह कुछ कहना चाहते हैं फिर उन्होंने अपनी बात कही।
आजम ने कोर्ट से लगाई गुहार,बयां किया अपना दर्द
उन्होंने कोर्ट से कहा कि पुलिस उनके साथ बेहद गलत व्यवहार कर रही है और जिला सीतापुर से रामपुर लाए जाने के दौरान तकरीबन छह घंटे के सफर में पुलिस टॉयलेट तक नहीं करने जा दे रही है,यही नहीं पुलिस उन्हें रास्ते में लंच तक नहीं करवा रही है जिससे वो इस दौरान बेहाल हो जाते हैं।
हालांकि रामपुर में पेशी के बाद उनको सीतापुर वापस ना ले जाकर उन्हें तीन दिन तक बरेली जेल में रखा जाएगा, गुरुवार को रामपुर में कोर्ट की पेशी के बाद उनको बरेली जेल भेज दिया गया।
इससे पहले भी आजम ने अपने साथ मिसबिहैब की शिकायत की थी आजम ने कहा था कि जेल में उनके साथ आतंकवादी जैसा बर्ताव किया जा रहा है।आजम ने मीडिया से बात करते हुए कहा था, 'पूरा मुल्क जानता है कि उनके साथ क्या हो रहा है।'
क्या है दरअसल पूरा मामला
भाजपा के स्थानीय नेता आकाश सक्सेना ने पिछले साल दर्ज कराये गये मामले में अब्दुल्ला के दो-दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाये जाने का आरोप लगाया था। एक प्रमाण पत्र रामपुर से तो दूसरा लखनऊ से जारी किया गया है। जांच में आरोप सही पाये गये।रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 लिखी है। वहीं दूसरे प्रमाणपत्र में उनका जन्मस्थान लखनऊ दिखाया गया है और उनकी जन्मतिथि 30 सितम्बर 1990 लिखी है।
बेटे अब्दुल्ला आजम की विधायकी हो चुकी है रद्द
फर्जी प्रमाण-पत्र मामले में आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम की यूपी विधानसभा से विधायकी रद्द कर दी गई है। इस संबंध में जारी एक अधिसूचना में कहा गया है कि अब्दुल्ला आजम की विधायकी 16 दिसंबर, 2019 से रद्द मानी जाएगी, जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सपा नेता की विधायनसभा सदस्यता रद्द किए जाने का आदेश दिया था, अब्दुल्ला आजम स्वार सीट से विधायक रहे हैं।
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