रामपुर : समाजवादी पार्टी के सीनियर नेता आजम खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। क्योंकि सब-डिविजिनल मजिस्ट्रेट ने यह कहते हुए जौहर युनिवर्सिटी के गेट को हटाने का ऑर्डर दिया कि यह सरकरी जमीन में बनाया गया। उधर किताबें और पांडुलिपियां चोरी के मामले मंगलवार सुबह रामपुर के कई पुलिस थाने की पुलिस युनिवर्सिटी परिसर में पहुंच की तलाशी ली। पुलिस ने मदरसा आलिया के प्रिंसिपल की शिकायत के बाद मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी के 'मुमताज सेंट्रल लाइब्रेरी' में तलाशी ली। जिसमें उन्होंने कहा कि उनके मदरसा से कई किताबें और पांडुलिपियां चोरी हो गई हैं।
रामपुर के एसपी अजय पाल शर्मा ने कहा कि हमें मदरसा अलिया के प्रिंसिपल से शिकायत मिली थी कि उनके मदरसा से कई पांडुलिपियां और किताबें चोरी हो गई हैं। जांच पूरी हो गई और इसके आधार पर मोहम्मद अली जौहर युनिवर्सिटी में सर्च किया गया। उन्होंने कहा कि चोरी की कई किताबें मिली हैं। सर्च जारी है। लाइब्रेरी के कर्मचारी उन पुस्तकों का कोई विवरण नहीं दे पाए हैं। कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया है।
उधर एसडीएम कोर्ट के आदेश के अनुसार युनिवर्सिटी गेट पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट की जमीन पर बनाया गया। 15 दिनों के भीतर इस हटाने का आदेश दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि यह सड़क के आउट साइड को ब्लॉक करता है। कोर्ट ने कहा था कि अगर 15 दिनों के भीतर गेट को नहीं हटाया जाता है यानी 9 अगस्त तक तो इस ढ़ांचे को प्रदेश अधिकारियों द्वारा ध्वस्त करा दिया जाएगा। इस साथ-साथ आदेश में यह भी कहा गया कि कोर्ट ने सपा नेता पर 3,27,60,000 रुपए (3.27 करोड़ रुपए) का एकमुश्त जुर्माना लगाया है जो जौहर युनिवर्सिटी के आजीवन कुलपति हैं। एसडीएम कोर्ट ने गेट हटाने तक 15 दिनों तक हर दिन 9,10,000 रुपए का जुर्माना लगाया।
हाल ही में, रामपुर के सांसद के खिलाफ जमीन हड़पने के मामलों में लगभग 26 एफआईआर दर्ज की गई हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने उनके नाम को राज्य सरकार की आधिकारिक पोर्टल पर 'भू-माफिया' सूची में डाल दिया है। जो स्थानीय किसानों की शिकायतों के आधार पर एफआईआर खान और अली हसन नाम के एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज की गई है। हसन पूर्व डीएसपी और वर्तमान में युनिवर्सिटी के चीफ सुरक्षा अधिकारी हैं।
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